लखनऊ : आयुष कालेजों में अपात्र अभ्यर्थियों को प्रवेश देने का मामला
कार्यवाहक निदेशक समेत नौ अभियुक्तों को भेजा पुलिस रिमांड पर

अमृत विचार, लखनऊ। विशेष सीजेएम साक्षी गर्ग ने नीट-यूजी की मेरिट को दरकिनार कर अपात्र अभ्यर्थियों को आयुष कालेजों में प्रवेश देने के मामले में निरुद्ध आर्युवेद सेवाओं के निलम्बित कार्यवाहक निदेशक प्रो. सत्य नारायण सिंह व निलम्बित प्रभारी अधिकारी डॉ. उमाकान्त समेत नौ अभियुक्तों को तीन दिन के लिए पुलिस कस्टडी रिमांड पर भेज दिया है। कोर्ट ने यह आदेश मामले के विवेचक व एसटीएफ निरीक्षक अतुल कुमार सिंह के प्रार्थना पत्र को मंजूर करते हुए दिया है।
प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के दौरान शेष सात अभियुक्तों हर्ष वर्धन तिवारी उर्फ सोनल, सौरभ मौर्य, इंद्रदेव मिश्रा, रुपेश रंजन पांडेय, कुलदीप सिंह वर्मा, कैलाश चंद्र भाष्कर व राजेश सिंह को भी जेल से लाकर अदालत में पेश किया गया। सभी नौ अभियुक्तों की कस्टडी रिमांड की अवधि 23 नवंबर की सुबह 11 बजे से शुरु होकर 26 नवंबर को दिन में 11 बजे समाप्त होगी।
सहायक अभियोजन अधिकारी अतीक अहमद खान ने दलील दी कि अभियुक्त कुलदीप सिंह वर्मा द्वारा सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों को दिए गए नगद व उपहार का साक्ष्य मिल गया है लिहाजा इस संदर्भ में गहन पूछताछ व बरामदगी करनी है।
कुलदीप से अन्य अभियुक्तों का आमना-सामना कराना है, कुलदीप व उसके साथ सॉफ्टवेयर की कूटरचना में शामिल अन्य अभियुक्तों से यह जानकारी भी हासिल की जानी है कि किस प्रकार, कहां और कैसे कूटरचना की गई, जिन अभ्यर्थियों के डाटा में कूटरचना की गई, उनका नीट का वास्तविक डाटा बरामद कराना है। कहा गया कि इसके अलावा ऐसे अभ्यर्थी जो नीट की परीक्षा में शामिल नहीं हुए लेकिन काउंसिलिंग में प्रतिभाग करा के उन्हें प्रवेश दिलाया गया उनका भी पता लगाना है।