चित्रकूट : अपर एसपी के रुख से बिगड़ी थी बात : भइयालाल यादव
तत्कालीन सपा जिलाध्यक्ष ने ताजा कीं यादें

अमृत विचार, चित्रकूट। समाजवादी पार्टी के बसपा सरकार के खिलाफ प्रदर्शन पर सोमवार को आए फैसले के बाद से तमाम सपाइयों की यादें ताजा हो गईं। तत्कालीन सपा जिलाध्यक्ष भइयालाल यादव से जब बात की गई तो वह अतीत में खो गए। उन्होंने बताया कि अपर एसपी के रुख की वजह से ही बात बिगड़ गई थी।
सोमवार को सीजेएम कोर्ट ने सपा के तत्कालीन 19 कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों को सजा सुनाई है।
इसमें वर्तमान भाजपा सांसद आरके सिंह पटेल, नगर पालिकाध्यक्ष नरेंद्र गुप्ता के साथ तत्कालीन सपा जिलाध्यक्ष भइयालाल यादव शामिल हैं। भइयालाल ने तब की यादें साझा कीं। उन्होंने बताया कि बसपा सरकार की नीतियों, सपाइयों के उत्पीड़न आदि मुद्दों को लेकर राष्ट्रीय नेतृत्व के निर्देश पर 12 सितंबर से 16 सितंबर 2009 तक आंदोलन चलाया गया था।
अंतिम दिन सपाइयों ने मन बना लिया था कि आंदोलन शांतिपूर्ण तो रहेगा पर जोरदार भी होगा। बताया कि सांसद आरके पटेल के साथ उनके आवास से पार्टी कार्यकर्ताओं का हुजूम निकला तो सपा कार्यालय से निकले जुलूस की अगुवाई उन्होंने की। उन्होंने बताया कि रेलवे स्टेशन में तत्कालीन अपर एसपी जुगुल किशोर तिवारी के साथ एमपी की बहस हो गई।
इसके बाद पटेल तिराहे पर प्रदर्शन के दौरान हालांकि तत्कालीन एसपी अपर्णा का रुख निष्पक्ष था और सीओ सिटी उदय सिंह भी बराबर माइक से शांति की अपील कर रहे थे। वरिष्ठ सपा नेता ने बताया कि पर अपर एसपी के रुख के बाद माहौल बदल गया। उन्होंने बताया कि इस उपद्रव के दौरान सांसद आरके के साथ अभद्रता हुई थी। लाठीचार्ज के दौरान उनको कंधे में चोट आई थी और कुर्ता भी फट गया था।
सांसद की अगुवाई में सपाइयों ने पुलिस के खिलाफ तहरीर दी थी। उन्होंने कहा कि चूंकि जांच पुलिस को करनी थी तो उसने आननफानन में इस मामले में एफआर लगा दी थी और अपने खिलाफ मामले में जोरदार पैरवी की, जिससे सपाइयों को सजा हो गई।