रामपथ चौड़ीकरण: अयोध्या में व्यापारियों ने किया एक दिन के लिए बाजार बंद, लोग रहे हलकान

रामपथ चौड़ीकरण: अयोध्या में व्यापारियों ने किया एक दिन के लिए बाजार बंद, लोग रहे हलकान

अमृत विचार, अयोध्या। सआदतगंज से नयाघाट तक प्रस्तावित रामपथ के चौड़ीकरण को लेकर आक्रोशित अयोध्या के व्यापारियों ने मंगलवार को टेढ़ीबाजार से नयाघाट तक अपने-अपने प्रतिष्ठानों को बंद रखा। प्रभावितों का आरोप है कि मुआवजा वितरण में दोहरी नीति अपनाई जा रही है तथा विस्थापन की कोई स्पष्ट व्यवस्था नहीं है। इसी विरोध के चलते रामनगरी में मुख्य मार्ग पर दुकानों के शटर नहीं खुले।

हालांकि दूसरी पहर सांसद के हस्तक्षेप पर प्रशासन और आक्रोशित व्यापारियों के बीच दो घंटे से ज्यादा समय तक पंचायत चली। पंचायत के बाद व्यापारियों का आक्रोश कुछ हद तक शांत दिखा। प्रशासन ने नियम-कायदे के अनुरूप सभी प्रभावितों का सम्यक मुआवजा तथा विस्थापन उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है। 

गौरतलब है कि उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के बैनर तले व्यापारियों ने रेजीडेंट मजिस्ट्रेट समेत अन्य को ज्ञापन सौंप कर पूर्व में आपसी वार्ता के दौरान किए गए वादों और आश्वासन को पूरा करने की मांग रखी थी। साथ ही रामपथ क्षेत्र का प्रमाणित नक्शा उपलब्ध कराने, भक्ति मार्ग की तरह यहां भी सर्किल रेट पर एक्स रेसिया लगा दोगुना मुआवजा देने, रिक्त स्थान पर व्यापारियों का विस्थापन तथा भूमि का फ्रीहोल्ड, विवादित भवनों के मामले में अवशेष भूमि पर निर्माण की अनुमति देने आदि की मांग की गई थी। ऐसा न होने पर बाजार बंदी का ऐलान किया था। 

ऐलान के मुताबिक मंगलवार को रामपथ पर टेढ़ीबाजार से नयाघाट तक दोनों पटरियों के दुकानदारों ने अपने कारोबार और प्रतिष्ठान को बंद रखा तथा वादों व आश्वान को पूरा करने के लिए लिखित गारंटी की मांग की। बाजार बंदी को लेकर प्रशासन आक्रोशित व्यापारियों को समझाने-बुझाने और उनका आक्रोश शांत करने की कवायद में जुटा रहा। मामले की गंभीरता को देखते हुए सांसद लल्लू सिंह ने हस्तक्षेप किया और व्यापारियों तथा प्रशासन को आपस में वार्ता और सहमत के लिए नयाघाट स्थित सिंचाई विभाग के डाक बंगले में बैठक कराई। 

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अयोध्या- सिंचाई विभाग के डाक बंगले में आंदोलित व्यापारियों के सामने प्रशासन का पक्ष रखते एडीएम प्रशासन

 

दो घंटे से ज्यादा समय तक चली इस बैठक में आक्रोशित व्यापारियों ने जमकर अपनी भड़ास निकाली। हालांकि बाद में प्रशासन की ओर से स्थिति स्पष्ट करने तथा किसी के साथ गलत न होने देने के आश्वासन के बाद व्यापारियों का आक्रोश ठंडा पड़ गया। प्रदर्शन और बैठक में व्यापारी नेता नंद कुमार गुप्त नंदू, पंकज गुप्ता, शक्ति जायसवाल, प्रेम सागर मिश्र, राधेश्याम गुप्त, सुफल चन्द्र मौर्या, विनोद, श्याम सुंदर कसेरा, कक्कू मिश्र, बृज किशोर गुप्ता, ऋषभ गुप्ता, बृज किशोर पांडेय, मो. रईस, अचल कुमार गुप्ता आदि व्यापारी शामिल रहे।

2700 मामलों में 70 फीसदी दुकानदार
एडीएम प्रशासन अमित सिंह ने बताया कि प्रभावित लगभग 2700 मामलों में 70 फीसदी दुकानदार हैं। भवन के मूल्यांकन और आयु के आधार पर मुआवजा तय कर सहमति के बाद राशि बैंक खाते में भेजी जा रही है। प्रशासन की ओर से पूरे क्षेत्र का सर्वे कराया गया है। संबंधित के दुकान, मकान में जितना तोड़-फोड़ अथवा अधिग्रहण होने हैं, उसका प्रतिवर्ग फीट तय रेट से भुगतान किया जाएगा। प्रशासन और टीम स्वयं प्रभावितों के पास जा रही है और सहमति हासिल कर रही है। हमारी प्राथमिकता पथ के निर्माण के साथ प्रभावितों के व्यवस्थापन और उचित मुआवजा की है। उन्होंने बताया कि जिन दुकानदारों का मुआवजा एक लाख से कम बना था उनको नीति के मुताबिक एक लाख का मुआवजा दिया गया है। सहमति के बाद ही बैनामे हुए हैं। 

हनुमानगढ़ी के पास खुली रहीं प्रसाद की दुकानें 
मंगलवार को रामनगरी में रामपथ पर तो दुकानों के शटर नहीं खुले, लेकिन भक्ति मार्ग पर आम दिनचर्या जैसा माहौल रहा। मंगलवार को हनुमानगढ़ी पर दर्शन-पूजन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़Þ उमड़ी तो प्रसाद की दुकानें भी खुली रहीं। इस क्षेत्र के दुकानदारों का कहना था कि उनकी दुकान तो जा ही चुकी है अब कारोबार बंद करने का क्या औचित्य। सवाल यह भी उठाया कि जब इस मार्ग की दुकानें तोड़ी जा रही थी तब यह व्यापारी नेता कहां थे?