तो अब गिरफ्तार होंगे प्रोफेसर विनय पाठक, एफआईआर और गिरफ्तारी के विरुद्ध दाखिल याचिका खारिज

अमृत विचार लखनऊ। न्यायमूर्ति राजेश कुमार सिंह व न्यायमूर्ति विवेक सिंह की खंडपीठ ने यह निर्णय पारित किया है। न्यायालय ने कहा है कि याची की ओर से ऐसा कोई तथ्य नहीं बताया जा सका जिसके आधार पर उसके खिलाफ दर्ज एफआईआर को खारिज किया जा सके।
न्यायालय ने कहा कि चूंकि एफआईआर नहीं खारिज हो सकती लिहाजा याची को गिरफ्तारी से भी कोई राहत नहीं प्रदान की जा सकती।
बता दें कि विनय पाठक के ऊपर आगरा के डॉक्टर भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी में दो करोड़ रुपए की कमीशनखोरी का मामला इंदिरा नगर थाने में दर्ज हुआ था।
इस केस की जांच यूपी एसटीएफ कर रही है. एफआईआर दर्ज होने के बाद उनके कई और मामले भी सामने आ रहे हैं जिसमें उनके ऊपर बड़े भ्रष्टाचार करने और कमीशनखोरी के आरोप लग रहे हैं। एकेटीयू में कुलपति रहने के दौरान विनय पाठक ने 24 करोड़ रुपए की फिक्स डिपोजिट को तोड़ कर दूसरी जगह इन्वेस्ट किया था। इसको लेकर भी कई सवाल उठ रहे हैं।
इसके साथ ही कानपुर के एक पूर्व प्रोफेसर ने उनके ऊपर कानपुर में शिक्षकों की भर्ती को लेकर सवाल उठाए हैं और फर्जी तरीके से नियुक्ति होने की बात की जा रही है. एसटीएफ भी कानपुर विश्वविद्यालयों के कई अधिकारियों, प्रोफेसरों से पूछताछ कर लगातार जानकारियां जुटा रही हैञ इसके साथ ही पुराने मामले जो अब सवालों के घेरे में आ रहे हैं उनके बारे में भी एसटीएफ गहनता से पड़ताल में जुटी हुई है।