लखनऊ: एकेटीयू के पूर्व कुलपति के खिलाफ एफआईआर दर्ज, एसटीएफ करेगी कार्रवाई
लखनऊ, अमृत विचार। एकेटीयू (अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी) के पूर्व कुलपति और वर्तमान में कानपुर विश्वविद्यालय के कुलपति विनय पाठक के खिलाफ राजधानी के इंदिरानगर थाने में रिपोर्ट दर्ज हुई हैं। रिपोर्ट में एक कंपनी से बिल पास कराने के नाम पर जबरन वसूली करने,धमकी और गाली गलौज करने का आरोप लगाया गया है। जानकारी …
लखनऊ, अमृत विचार। एकेटीयू (अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी) के पूर्व कुलपति और वर्तमान में कानपुर विश्वविद्यालय के कुलपति विनय पाठक के खिलाफ राजधानी के इंदिरानगर थाने में रिपोर्ट दर्ज हुई हैं। रिपोर्ट में एक कंपनी से बिल पास कराने के नाम पर जबरन वसूली करने,धमकी और गाली गलौज करने का आरोप लगाया गया है।
जानकारी के मुताबिक डा. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा में कुलपति रहते हुए विनय पाठक ने वादी से 15% कमिशन वसूले थे। निजी कंपनी का ऑफिस लखनऊ के रंजनीगंधा अपार्टमेंट गोखले मार्ग पर है। कंपनी ने साल 2014-15 से डा.भीमराव अंबेडकर आगरा विश्वविद्यालय में प्री और पोस्ट एग्जाम से जुड़ा काम कर रही थी।
इस बीच साल 2020-21 में UPLC के माध्यम से प्री-पोस्ट एग्जाम से संबंधित काम भी किया। कंपनी के बिल का भुगतान आगरा विश्वविद्यालय में लंबित था। आरोप है कि तब विनय पाठक कुलपति थे। इस दौरान वादी ने बिल का भुगतान करने को कहा तो पाठक ने कानपुर विश्वविद्यालय स्थित आवास पर बुलाया। इसके बाद कहा कि बिलों के भुगतान में 15% कमीशन देना होगा।
जब वादी ने असमर्थता जताई तो अपशब्द कहे और आगरा यूनिवर्सिटी से कंपनी का काम हटवा देने की धमकी दी। परेशान होकर वादी ने कमीशन देने के लिए हामी भरी। इस पर पाठक ने अजय मिश्रा से फोन पर बात कराई और भुगतान होते ही कमीशन पहुंचाने को कहा। बिल पास होने पर वादी ने अजय मिश्रा से संपर्क किया और उनके खुर्रम नगर स्थित आवास पर जाकर कमीशन के 30 लाख रुपये दे दिए।
आरोप है कि इसी तरह अलग-अलग बिलों को पास करने के नाम पर आरोपित पीड़ित से रुपए वसूलते रहे। मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रकरण की जांच एसटीएफ को सौंपी गई है।
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