लखनऊ विश्वविद्यालय: वीसी केयर फंड ने छात्रों को दीपावली से पहले दी बड़ी राहत

लखनऊ विश्वविद्यालय: वीसी केयर फंड ने छात्रों को दीपावली से पहले दी बड़ी राहत

अमृत विचार लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय (Vice Chancellor Professor Alok Kumar) Raiकी ओर से छात्र हित मे शुरू किए गये वीसी केयर फंड ( VC Care Fund )से छात्रों को दीपावली से पहले बड़ी राहत मिली है। छात्रों के लिए ये फंड शनिवार को जारी कर दिया गया है। इस …

अमृत विचार लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय (Vice Chancellor Professor Alok Kumar) Raiकी ओर से छात्र हित मे शुरू किए गये वीसी केयर फंड ( VC Care Fund )से छात्रों को दीपावली से पहले बड़ी राहत मिली है। छात्रों के लिए ये फंड शनिवार को जारी कर दिया गया है। इस बारे में लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक राय ने बताया कि लखनऊ विश्वविद्यालय एक परिवार है जिसमे सभी लोग विश्वविद्यालय के मोटो लाइटनिंग एवं लर्निंग के द्वारा जुड़े हुए हैं । उन्होंने बताया यह हम सभी का यह सम्मिलित प्रयास है कि छात्रों की शिक्षा मे आने वाली सभी रुकावटों को यथासंभव दूर किया जाए और वी सी केयर फण्ड इसी दिशा मे उठाया गया एक कदम है ।

लखनऊ विश्वविद्यालय की अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रोफेसर पूनम टंडन

जरूरतमंद छात्रों की वास्तविक पहचान थी बड़ी चुनौती
इस बारे में अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रोफेसर पूनम टंडन (Dean Student Welfare Professor Poonam Tandon) ने बताया कि वी सी केयर फंड के लिए 500 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए थे । इनमे से अधिक जरूरतमंद छात्रों की पहचान एक कठिन कार्य था । अतः उन छात्र छात्राओ को वरीयता दी गई जिन्होने हाल ही मे माता या पिता किसी कारणवश खोया था या अत्यधिक बीमार हो जिससे इन छात्र छात्राओ के सामने फीस जमा करने का संकट उत्पन्न हो गया था । इस निमित्त स्क्रीनिंग किये गए अभ्यर्थियों से बातचीत करने के पश्चात 52 छात्र छात्राओ की सूची जारी कर दी गई है । सूची लखनऊ विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर अपलोड कर दी गई है।

यूपी में इस तरह की व्यवस्था करने वाला पहला संस्थान है लखनऊ विश्वविद्यालय
छात्रों के हित में वीसी केयर फंड की सुविधा शुरू करने वाला यूपी का पहला संस्थान लखनऊ विश्वविद्यालय बना है। विश्वविद्यालय के इस प्रयास की सराहना भी हो रही है। बता दें कि इस सुविधा को पाने के लिए छात्रों की ओर से आवेदन करन होता है। आवेदन के बाद विश्वविद्यालय की ओर से भौतिक सत्यापन करते हुए वास्तविक जरूरतमंद छात्रों को ही ये राशि दिए जाने का प्रावधान किया गया है। बता दें कि इस सुविधा के शुरू होने से छात्रों की पढ़ाई बीच में बाधित नहीं होगी।

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