अयोध्या : रूट डायवर्जन व सुरक्षा पाबंदियों से बाजार उदास

अमृत विचार, अयोध्या। अयोध्या महानगर में इस बार धनतेरस की बाजार में पहले जैसी रौनक नहीं दिखी। महंगाई का प्रभाव लोगों की जेबों पर दिखा ही, साथ ही अयोध्या में कड़ी सुरक्षा और यातायात डायर्जन के साथ लगी पाबंदियों के चलते बाजार उदास दिखा। बाहरी लोगों के शहर में कम आने से स्थानीय बाजारों में …
अमृत विचार, अयोध्या। अयोध्या महानगर में इस बार धनतेरस की बाजार में पहले जैसी रौनक नहीं दिखी। महंगाई का प्रभाव लोगों की जेबों पर दिखा ही, साथ ही अयोध्या में कड़ी सुरक्षा और यातायात डायर्जन के साथ लगी पाबंदियों के चलते बाजार उदास दिखा। बाहरी लोगों के शहर में कम आने से स्थानीय बाजारों में भीड़ का रेला नहीं दिखा।
अधिकांश दुकानों पर शहर के ही खरीदारों की भीड़ दिख रही है। धनतेरस पर शहर में बर्तन, मूर्ति, मिट्टी के खिलौने, मिठाई व लाई, चूड़ा की दुकानों पर तो भीड़ दिखी। लेकिन इलेक्ट्रानिक्स, रेडीमेड कपड़ों व बर्तनो की दुकानों पर खरीदार बहुत कम दिखे।
दो साल कोविड-19 महामारी से उबरने के बाद बाजार को इस बार धनतेरस पर भारी भीड़ आने की उम्मीद थी। लेकिन महानगर की बाजारों में विगत वर्षों जैसी चमक, धमक व रौनक नहीं है। बाजार तो सजे हैं पर ग्राहकों का रेला नहीं है। उप्र उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मण्डल के नगर उपाध्यक्ष व इलेक्ट्रानिक डीलर एसोसिएशन के संरक्षक जस्बीर सिंह कहते हैं कि बाजार में रौनक पहले जैसी नहीं है जैसे पहले धनतेरस पर होती थी।
शनिवार होने के नाते धनतेरस की बाजार पर फर्क पड़ा है। रविवार को सेल अच्छी होने की उम्मीद है। लेकिल अब ऑनलाइन शॉपिंग पर जोर अधिक है। इसके चलते बाजार पर बड़ा फर्क हुआ है।
डाउन हो गया इलेक्ट्रानिक्स बाजार
इलेक्ट्रानिक बाजार में पिछली बार धनतेरस पर 7 से 8 करोड़ कारोबार हुआ था। लेकिन बाजार का रुख देखकर इस बार कारोबार 4 से 5 केरोड़ रुपये तक सीमित रह सकता है। बाजार में पैसा कम है। बाजार में आर्थिक मंदी का असर है। डबल मार पड़ी है एक तो मंदी की दूसरी आॅनलाइन सेल की।
कारपोरेट मॉडल के आने से बाजार में दिक्कत बढ़ गयी है। छोटे दुकानदारों को काफी नुकसान हो रहा है। जो कस्टर दुकानों पर आ रहे हैं वह प्रोडक्ट को फाइनेंस करा रहे हैं। कैश सेल कम है। इसके अलावा कारपोरेट सेक्टर के प्रोडक्ट ऑनलाइन और ऑफ लाइन दोनो आ रहा है। जिससे कस्टमर उसी ओर आकर्षिक हो रहा है।
कोरोना के बाद भी मोटरइसाकिल की बिक्री पर मंदी का असर
उप्र उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमण्डल के महानगर अध्यक्ष व टू व्हीलर व्यवसायी चन्द्र प्रकाश गुप्त कहते हैं कि मोटर साइकिल की बिक्री ठप है। कोविड-19 के दो साल बाद भी बाजार में पैसा जैसे है ही नहीं। स्थिति बहुत खराब है। दुकान पर सेल नहीं है। धनतेरस पर जिस तरीके से लोग शो रूम पर जुटते थे वह इस बार नदारत है। यही हाल बर्तन की दुकानों पर है।
बर्तन की दुकानों पर मुहूर्त के बाद नजर आए खरीददार
शनिवार को बर्तन की दुकानों पर दिन भर कोई खास भीड़ नहीं दिखी। लेकिन शाम होते ही मुहूर्त पर खरीदार दुकानों पर पहुंचे। लेकिन बर्तन की दुकानों पर भी उस तरह की भीड़ नहीं दिखी जैसे पहले हुआ करती थी। बर्तन विक्रेता महेश कौशल कहते हैं कि बाजार पूरी तरह से बैठा हुआ है।
हर कोई ऑनलाइन प्रोडक्ट मंगा रहा है, कस्टमर प्रोडक्ट की वेरायटी और मॉडल कम दाम कम है, यह देखकर आॅनलाइन सामान मंगा लेता है। उच्च व मध्यम वर्ग में ऑनलाइन शॉपिंग का ज्यादा रुझान है। क्योंकि धनतेरस पर मुहूर्त पर खरीदारी होती है इसलिए लोग फॉरमेलिटी में खरीदारी करने बाजार आ जाते हैं।
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