Video: ‘अपनी मोटी मंत्री के लिए केक नहीं लाई’ स्मृति इरानी और इस बच्ची की मजेदार बातचीत

Video: ‘अपनी मोटी मंत्री के लिए केक नहीं लाई’ स्मृति इरानी और इस बच्ची की मजेदार बातचीत

नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी अपनी बात बेबाकी और सख्ती से रखने के लिए जानी जाती है। लेकिन मंगलवार को एक कार्यक्रम में उनका एक अलग ही रूप देखने को मिला और खुद ‘मोटी’ मंत्री बता दीं। दरअसल, लड़कियों के लिए स्कीलिंग इन नॉन ट्रेडिंशनल लाइवलीहुड (NTL)में एक लड़की गुलाबशाह परवीन से बात करते …

नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी अपनी बात बेबाकी और सख्ती से रखने के लिए जानी जाती है। लेकिन मंगलवार को एक कार्यक्रम में उनका एक अलग ही रूप देखने को मिला और खुद ‘मोटी’ मंत्री बता दीं। दरअसल, लड़कियों के लिए स्कीलिंग इन नॉन ट्रेडिंशनल लाइवलीहुड (NTL)में एक लड़की गुलाबशाह परवीन से बात करते हुए इरानी ने जब खुद को मोटी मंत्री कहा हंसी के ठहाके गूंज उठे।
बिहार के मसौढ़ी गांव की रहने वाली परवीन ने NTL के जरिए कैसे आगे बढ़ीं इसी के बारे में बता रही थीं। जब समारोह हॉल में परवीन का नाम लिया गया तो इरानी ने उन्हें अपने पास बुलाकर अपने बारे में बताने को कहा।

इसी दौरान परवीन ने कहा कि वह एक शॉप चलाती हैं और उसकी लॉजिस्टिक से लेकर हर चीज को मैनेज करती हैं। इसपर इरानी ने कहा कि क्या तुम मॉनजनीज भी मैनेज करती हो? इसपर परवीन ने कहा-हां। तब इरानी ने कहा कि तुम मॉनजनीज मैनेज करती हो और अपनी मोटी मंत्री के लिए केक नहीं लाई हो। इसपर सब हंसने लगे। तब परवीन ने कहा कि अगर कभी मुझे मौका मिले तो मैं लेकर आऊंगी।

कार्यक्रम में परवीन ने अपनी जो कहानी बताई तो वहां मौजूद लोग भावुक हो गए। परवीन ने कहा, जब मैं 15 साल की थी तो मेरे दादा-दादी ने मेरी शादी जबरदस्ती एक 55 साल के बुजुर्ग के साथ करा दी थी। जिसकी पहले ही शादी हो रखी थी और उसके 8-10 बच्चे थे। शादी के अगले ही दिन मेरे ससुराल वाले तरह-तरह की बातें बोलने लगे। गालियां देने लगे। अनेक प्रकार के टॉर्चर करने लगे। जब मैंने ये सारी बात अपनी फैमिली को बताई तो उन्होंने कहा कि अब तुम्हारी शादी हो गई है, हम तुम्हारी कोई मदद नहीं कर सकते। और तुमको वहीं रहना है। जब चीजें हद से बाहर हो गई और बर्दाश्त के लायक नहीं रही तो मैंने अपने ससुराल से निकल गई और एक सेंट्रल हॉल में जा पहुंची।

परवीन ने कहा, ‘वहां मैं अपनी जीवन की नई शुरुआत कर रही थी। वहां पढ़ रही थी, मुझे पूरे बिहार के लिए एक दिन के लिए सेंट्रल हॉल का डायरेक्टर भी बनाया गया। जोकि मैंने उन बच्चों की सेफ्टी और उन बच्चों के भविष्य के बारे में बताया। जब मैं 18 साल की हो गई तो सेंट्रल होम वालों ने मुझे घरवालों को बुलाकर मुझे घर भेज दिया।

परवीन ने कहा, जब मैं घर गई तो चीजें इतनी ज्यादा खराब हो चुकी थी। मेरे परिवार वाले मुझे खुद क्या-क्या कहने लगे। बोलने लगे इतने साल कहां रही, किसके साथ रही, क्या हुआ। गालियां देने लगे, मारने लगे, जब मुझे कुछ समझ में नहीं आया तो रश्मि से मैंने संपर्क किया। उन्होंने मुझे हेलो स्माइल एलएलपी के बारे में बताया। फिर मैंने नेहा जी से बात की और उनको मैंने घर पर बुलाया। मैं उनके साथ गई, वहां जाने के बाद मुझे पता चला कि दुनिया क्या है। मुझे एक नई दुनिया देखने को मिला। मुझे वहां एक नया नाम मिला जो मुझे धरा शांडिल्य के नाम से जानते हैं। मैंने वहां पढ़ाई की, कंप्यूटर कोर्स किए, ड्राइविंग की, अकाउंटिंग सीखा। हमने एक शॉप भी बनाया और उसकी मैं मैनेजर हूं। सब मैनजमेंट करती हूं।

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इरानी ने परवीन की समस्याओं को सुना और उसके लिए तालियां बजवाईं। इरानी ने कहा कि तुम जिस परिस्थितियों से गुजरकर इस जगह पहुंची हो, मैं चाहती हूं मुझे ऐसी कोई लड़की न मिले। आपसे हम एक वादा करते हैं, देश में 7 हजार चाइल्ड केयर इंस्टीट्यूशन में 16-17 साल के लड़कियों और लड़कों के लिए के लिए अलग से स्कील सेट की व्यवस्था कराएंगे। मंत्री ने कहा कि उन्हें स्वयं का कारोबार के लिए और जॉब के लिए प्रोत्साहित करेंगे।

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