बरेली: पांच लाख में बदायूं रोड का नाला साफ कराया फिर भी दो चैंबर जाम
बरेली, अमृत विचार। बदायूं रोड के नाले को गाजियाबाद की कंपनी से साफ कराया गया फिर भी तीन में से दो चैंबर जाम हैं। इसका असर नेकपुर, मढ़ीनाथ व शांतिविहार कालोनी में पड़ रहा है। नगर आयुक्त ने सुबह बदायूं रोड का दौरा किया तो उन्होंने भी कई नालों को जाम पाया। कार्यालय में उन्होंने …
बरेली, अमृत विचार। बदायूं रोड के नाले को गाजियाबाद की कंपनी से साफ कराया गया फिर भी तीन में से दो चैंबर जाम हैं। इसका असर नेकपुर, मढ़ीनाथ व शांतिविहार कालोनी में पड़ रहा है। नगर आयुक्त ने सुबह बदायूं रोड का दौरा किया तो उन्होंने भी कई नालों को जाम पाया। कार्यालय में उन्होंने चीफ इंजीनियर से वार्ता की तो दोपहर में चीफ इंजीनियर और नगर स्वास्थ्य अधिकारी भी मौके पर गए। उनके साथ नेकपुर की पार्षद भी रहीं।
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चीफ इंजीनियर बीके सिंह ने पार्षद चित्रा मिश्रा को बताया कि बदायूं रोड पर जल निगम द्वारा निर्मित तीन चैंबरों के नाले की सफाई पांच लाख रुपये देकर गाजियाबाद की कंपनी से कराई गई थी। पार्षद ने कहा कि सफाई हुई तो दो चैंबरों में पानी क्यों रुका है। चीफ इंजीनियर ने नाले में जमा गोबर को पानी रुकने की वजह बताया है। पार्षद चित्रा मिश्रा का कहना है कि यदि सफाई हुई होती तो चैंबर जाम नहीं हो सकते थे। गोबर और सिल्ट में अंतर होता है। नालों की सफाई कराने के दौरान पार्षदों को निर्माण विभाग ने सूचना नहीं दी और नाले साफ होते रहे।
पार्षद ने कहा कि उन्होंने सुबह नगर आयुक्त निधि गुप्ता वत्स से बात की थी। तब नगर आयुक्त ने क्षेत्र का दौरा करने की बात कहते हुए समस्या हल कराने का आश्वासन दिया। दोपहर में यहां जेडएसओ विमल मिश्रा मशीनों के साथ आकर जलभराव को कम करने का काम शुरु कर दिया था।
पार्षद राजेश अग्रवाल ने भी कहा कि निर्माण विभाग ने शहर के नालों की सफाई तो करा दी लेकिन पार्षदों को इसकी सूचना नहीं दी। नालों की सफाई में लगभग एक करोड़ रुपया खर्च हुआ है। वह किस तरह खर्च किया गया इसकी बानगी बरसात ने खोल दी है। कई जगह नाला अब भी जाम है तो पानी कहां निकलेगा। सिविल लाइंस इलाके में भी नाला जाम हैं।
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