उत्तराखंड राज्य के पक्ष में नहीं थे सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव फिर भी था पहाड़ से गहरा नाता, जानें क्यों

उत्तराखंड राज्य के पक्ष में नहीं थे सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव फिर भी था पहाड़ से गहरा नाता, जानें क्यों

हल्द्वानी, अमृत विचार। समाजवादी पार्टी के संस्थापक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का सोमवार को निधन हो गया। वह 82 वर्ष के थे। मुलायम सिंह यादव दो अक्टूबर से लगातार लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर थे। उनके निधन से उत्तराखंड में भी शोक व्‍याप्‍त है। मुख्‍यमंत्री पुष्‍कर सिंह धामी समेत तमाम राजनेताओं …

हल्द्वानी, अमृत विचार। समाजवादी पार्टी के संस्थापक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का सोमवार को निधन हो गया। वह 82 वर्ष के थे। मुलायम सिंह यादव दो अक्टूबर से लगातार लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर थे। उनके निधन से उत्तराखंड में भी शोक व्‍याप्‍त है। मुख्‍यमंत्री पुष्‍कर सिंह धामी समेत तमाम राजनेताओं ने विनम्र श्रद्धांजलि दी।

मुलायम सिंह यादव की बहुएं डिंपल और अपर्णा।

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का उत्‍तराखंड से खास नाता रहा है। उनकी दोनों बहुएं उत्तराखंड से ही हैं। मुलायम सिंह की बड़ी बहू डिंपल मूलरूप से उत्तराखंड के अल्मोड़ा की रहने वाली हैं। वहीं छोटी बहू अपर्णा यादव उत्तरकाशी की रहने वाली हैं। उत्तरकाशी के बरसाली गांव निवासी अरविंद सिंह बिष्ट की बेटी अपर्णा से मुलायम सिंह यादव के बेटे प्रतीक यादव की धर्मपत्नी हैं। हालांकि अरविंद सिंह बिष्ट लंबे समय से लखनऊ में रहते हैं। जबकि उनके चार अन्य भाई उत्तरकाशी में ही रहते हैं।

भारतीय राजनीति के दिग्गज, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व केंद्रीय रक्षा मंत्री और सपा के संस्थापक रहे मुलायम सिंह यादव अलग उत्तराखंड राज्य के पक्ष में नहीं थे। उत्तराखंड के उत्तर प्रदेश में होने के दौरान उनके सीएम रहते हुए 27 साल पहले रामपुर तिराहा कांड हुआ था। राज्य आंदोलनकारी उस काली रात को आज भी नहीं भूले हैं। अलग उत्तराखंड की मांग कर रहे आंदोलनकारियों ने दो अक्टूबर 1994 को दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करना तय किया था। गढ़वाल और कुमाऊं के आंदोलनकारियों का काफिला दिल्ली की तरफ बढ़ा तो मुजफ्फरनगर के रामपुर तिराहा पर पुलिस ने जबरदस्त नाकाबंदी कर दी। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोका। नाराज प्रदर्शनकारियों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी। फिर पुलिस ने लाठी और गोलियां बरसा दीं। पुलिस की गोलियों से सात आंदोलनकारी शहीद हुए थे। वहीं उत्तराखंड के इतिहास में इस काले अध्‍याय ने मुलायम सिंह यादव को पहाड़ की जनता से दूर कर दिया।

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