मुरादाबाद : 25,000 के इनाम का ऐलान फिर भी नोटों के तस्कर को भूली पुलिस

मुरादाबाद : 25,000 के इनाम का ऐलान फिर भी नोटों के तस्कर को भूली पुलिस

मुरादाबाद,अमृत विचार। नकली नोटों की जिस तस्करी की गिरफ्तारी पर एसएसपी ने 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है, उसे हथकड़ी पहनाने का दायित्व मझोला पुलिस भूल चुकी है। दो माह बाद भी नकली नोटों के तस्कर के ठिकाने का पता पुलिस को नहीं मिल सका है। पुलिस की विफलता कानून के लिए नया …

मुरादाबाद,अमृत विचार। नकली नोटों की जिस तस्करी की गिरफ्तारी पर एसएसपी ने 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है, उसे हथकड़ी पहनाने का दायित्व मझोला पुलिस भूल चुकी है। दो माह बाद भी नकली नोटों के तस्कर के ठिकाने का पता पुलिस को नहीं मिल सका है। पुलिस की विफलता कानून के लिए नया सिरदर्द बनती जा रही है।

नकली नोटों के सौदागर नफीस के गिरोह के तीन सदस्य सात अगस्त को पुलिस के हत्थे चढ़े। उनके कब्जे से एक लाख रुपए के जाली नोट मिले। अभियुक्तों ने कबूला कि नोटों के कुख्यात तस्कर नफीस के गिरोह के सदस्य हैं। नफीस के गुर्गों ने बताया कि उनका सरगना नोटों की तस्करी विदेश से करता है। बांग्लादेश, नेपाल व पाकिस्तान से नफीस के तार जुड़े होने की आशंका जताई गई। अभियुक्तों के दावों को इसलिए भी बल मिला, क्योंकि पश्चिमी यूपी व दिल्ली एनसीआर में नकली नोटों का काला कारोबार करने के आरोपी को पहले नोएडा फिर अमरोहा पुलिस ने भी दबोचा था। नकली नोटों के कारोबार में नफीस की संलिप्तता को एसएसपी ने गंभीरता से लिया।

उन्होंने तत्काल अभियुक्त की गिरफ्तारी पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित कर दिया। नफीस की अविलंब गिरफ्तारी को लेकर बरेली एसटीएफ, एनआईए व अन्य खुफिया एजेंसियां भी सक्रिय हुईं। सुरक्षा एजेंसियों ने नकली नोटों के काले कारोबार व आतंकी संगठनों से नफीस के संबंध के बाबत सूचनाओं का संकलन शुरू किया। इधर, मझोला पुलिस हत्थे चढ़े गिरोह के तीन सदस्यों की मदद से सरगना नफीस को गिरफ्तार करने का तानाबाना बुनने लगी। तीनों अभियुक्तों की रिमांड लखनऊ कोर्ट में पुलिस ने दाखिल की। महीनों तक हाथ पांव मारने के बाद भी नफीस की गिरफ्तारी में पुलिस को सफलता नहीं मिली।

गिरफ्तारी में देरी की वजह
नफीस की गिरफ्तारी में लंबे वक्त तक पुलिस की विफलता की बड़ी वजह, उन कड़ियों का टूटना माना जा रहा है, जिनके चलते गिरोह के तीन सदस्य कानून के हत्थे चढ़े थे। दरअसल, तत्कालीन जयंतीपुर चौकी प्रभारी राशिद अली खान ने नकली नोटों की तस्करी के खेल का भंडाफोड़ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पुलिस के पर्दाफाश के चंद दिनों बाद ही राशिद अली को जयंतीपुर चौकी से हटा दिया गया। जिस मुखबिर ने गिरोह के सदस्यों की पहचान कराई, उसने खुद पर कानून का शिकंजा कसने के बाद पुलिस ने नाता तोड़ लिया। फिर तो पुलिस का पूरा एक्शन प्लान ही अधर में लटक गया। यूं कहें कि पुलिस की अंदरूनी उठापटक नफीस के लिए नया जीवनदान बन गई।

एसएसपी हेमंत कुटियाल का कहना है कि फरार नफीस की गिरफ्तारी की कोशिश जारी है। एसओजी के अलावा मझोला पुलिस की एक टीम उसका लगातार पीछा कर रही है। एसटीएफ व एनआईए को भी पूरी रिपोर्ट भेजी गई है। जल्द ही नफीस को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

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