नयी पीसीसी से पूर्व विधायक भूधर, उमर और कुलदीप गायब
अमृत विचार, कानपुर। कांग्रेस अध्यक्ष की चुनाव तिथि जैसे-जैसे करीब आती जा रही है, संगठन के पुनर्गठन की प्रक्रिया भी तेज हो गयी है। कानपुर उत्तर व दक्षिण, कानपुर ग्रामीण तथा कानपुर देहात से 51 से भी अधिक पीसीसी सदस्यों की सूची घोषित कर दी गयी। ये सभी अध्यक्ष चुनाव के मतदाता हैं। पूर्व केंद्रीय …
अमृत विचार, कानपुर। कांग्रेस अध्यक्ष की चुनाव तिथि जैसे-जैसे करीब आती जा रही है, संगठन के पुनर्गठन की प्रक्रिया भी तेज हो गयी है। कानपुर उत्तर व दक्षिण, कानपुर ग्रामीण तथा कानपुर देहात से 51 से भी अधिक पीसीसी सदस्यों की सूची घोषित कर दी गयी। ये सभी अध्यक्ष चुनाव के मतदाता हैं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल, राज्यसभा सदस्य राजीव शुक्ला, तीन बार विधायक रहे अजय कपूर भी पीसीसी सदस्य घोषित किए गए हैं। दूसरी तरफ पूर्व विधायक वरिष्ठ नेता भूधर नारायण मिश्रा, हाफिज मोहम्मद उमर और सरदार कुलदीप सिंह का नाम सूची से गायब है। ये सभी मल्लिका अर्जुन खड़गे और शशि थरूर के बीच कांग्रेस अध्यक्ष पद क लिए हो रहे चुनाव में मतदाता हैं। खड़गे सात अक्टूबर को लखनऊ में यूपी के सभी पीसीसी के सदस्यों के साथ बैठक करेंगे। इसके बाद शशि थरूर का दौरा होगा।
राहुल गांधी के अध्यक्ष पद की दौड़ से हट जाने का सीधा असर पीसीसी सदस्य बनाने में हुआ। अब यह नहीं देखा गया कि किसे बनाया जा रहा है और किसकी अनदेखी की देखी जा रही है। कद्दावर सूची में हैं तो कहीं वरिष्ठों की उपेक्षा की गयी है।
जैसे महेश दीक्षित और अम्बुज शुक्ला जैसे स्थानी दिग्गज कांग्रेसी पीसीसी सूची से बाहर हैं। कानपुर और कानपुर देहात की 14 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस से चुनाव लड़ने वाले सभी प्रत्याशियों को पीसीसी में शामिल कर लिया गया है। एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि राहुज गांधी मैदान में होते तो पीसीसी नियमतः बनायी जाती। सूची को लेकर रोष के चलते इसमें कुछ नाम बढ़ाए भी जा सकते हैं।
पीसीसी नियुक्ति प्रक्रिया की अनदेखी
दो बार विधायक रहे भूधरनारायण मिश्रा पीसीसी में वरिष्ठों का नाम न देखकर भौंचक रह गए। उनका कहना है कि पीसीसी सदस्यों की नियुक्ति में संगठन के चुनाव के नियमों की अनदेखी की गयी है। राहुल गांधी मैदान में होते तो सबकुछ नियमों के मुताबिक होता।
भूधर मिश्रा के मुताबिक पीसीसी सदस्यों की नियुक्ति के लिए हर बार डीआरओ (डिस्ट्रिक रिटर्निंग ऑफिसर) आते हैं। पीसीसी सदस्य बनने के लिए कार्यकर्ताओं को पहले सदस्य बनाने होते हैं। उनके द्वारा बनाए गए हर सदस्यों में डेलीगेट नियुक्त किए जाते हैं। फिर वो डेलीगेट ही वोटिंग करता है या सर्वसम्मति से निर्णय होता है। इसके बाद पीसीसी सदस्य चुने जाते हैं। पर अबकी ऐसा कुछ नहीं हुआ। इसकी शिकायत इसकी शिकायत चुनाव अधिकारी मधुसूदन मिस्त्री और दोनों प्रत्याशियों से की जाएगी।
2022 के पीसीसी सदस्य
पीसीसी इस प्रकार हैं। अवनीश सनूजा, जय शंकर द्विवेदी, जेपी पाल, कृष्णा ठाकुर, अमरदीप गंभीर, प्रमोद जायसवाल, नीतू मिश्रा, हरिकिशन भारती, अशोक कुमार निषाद, हरप्रकाश अग्निहोत्री, अजय कपूर, शैलेष आनंद, तुहीद, ममता तिवारी, शोहिल अख्तर अंसारी, शुहेल अहमद, अब्दुल मन्नान, अभिनव नारायण तिवारी, राजीव शुक्ला, सुनीत त्रिपाठी, संजीव दरियावादी, श्रीप्रकाश जायसवाल, सरिता सेंगर, प्रतिभा अटलपाल, शरद मिश्रा, सुरेंद्र कटियार, देवी प्रसाद राठौर, सगीर अहमद, मदन मोहन शुक्ला, अमरीश सिंह गौर, सत्यवीर सिंह, हरिशंकर चतुर्वेदी, शमीम कुरैशी, नेकचंद्र पांडेय, सुनील वाल्मीकि, राम सजीवन शंखवार, आलोक मिश्रा, ऊषा रानी कोरी, संतोष पाठक, राजेश राजपूत, हीरा लाल निषाद, एसपी तिवारी, उमेश चंद्र दीक्षित, सुमन तिवारी, संदीप शुक्ला, तनिष्क पांडेय, विकास अवस्थी, संयोगिता वर्मा, रीता कठेरिया, नेहा तिवारी विकास सोनकर, करिश्मा ठाकुर भी शामिल हैं।
यह भी पढ़ें:- भाकियू ने फूंका केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री का पुतला