बरेली: लोगों की उम्मीदों पर फिरा पानी, नहीं लगेगा मॉडल टाउन में 68 साल पुराना दशहरा मेला

बरेली, अमृत विचार। दशहरा मेला ग्राउंड को स्टेडियम ने कब्जे में लिया है। कमेटी को भी इसका आभास नहीं था। जिस कारण 68 साल पुराना 71वां मॉडल टाउन दशहरा मेला अब नहीं लग सकेगा। हालांकि मॉडल टाउन दशहरा मेला कमेटी ने अधिकारियों से इस जगह के लिए दूसरे स्थान की मांग की थी। नगर निगम …

बरेली, अमृत विचार। दशहरा मेला ग्राउंड को स्टेडियम ने कब्जे में लिया है। कमेटी को भी इसका आभास नहीं था। जिस कारण 68 साल पुराना 71वां मॉडल टाउन दशहरा मेला अब नहीं लग सकेगा। हालांकि मॉडल टाउन दशहरा मेला कमेटी ने अधिकारियों से इस जगह के लिए दूसरे स्थान की मांग की थी। नगर निगम से भी इस बाबत अधिकारी मिले थे। उन्होंने मॉडल टाउन कुष्ठ आश्रम की जमीन के लिए परमिशन मांगी थी, लेकिन नगर निगम ने इसको लेकर हाथ खड़े कर दिये।

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अब दूसरी जगह का कोई विकल्प नहीं है। इस बारे में मेला कमेटी के महामंत्री रवि छावड़ा ने बताया कि जब से शहर में मॉडल टाउन बसा तभी से यहा दशहरा मेले का आयोजन होता आ रहा था। 68 साल से लगातार मेले का आयोजन होता आ रहा था। दो साल से कोविड महामारी के कारण मेला नहीं लगा था।

मेले में प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधी मुख्य अतिथी रहते थे लेकिन जिस जगह पर मेला लगता था। उसे बरेली स्टेडियम ने अपने कब्जे में ले लिया। उन्होंने इस बारे मे प्रशासनिक अधिकारियों को भी अवगत कराया, लेकिन कोई बात नहीं बनी। यहां तक की नगर आयुक्त निधी बत्स गुप्ता से भी मुलाकात की। उन्होंने नगर निगम कुष्ठ आश्राम की जगह पर दो दिन के लिए मेला कराने की अनुमति मांगी लेकिन परमीशन नहीं मिल सकी। अब 68 साल पुराना मॉडल टाउन में दशहरा मेले का आयोजन नहीं हो पाएगा।

पब्लिक की भावनाओं को पहुंचेगी ठेस
दशकों पुराने इस मेले को देखने जोगी नवादा, पुराना शहर, भूड़, मॉडल टाउन इंद्रा नगर समेत कई जगह से दूर-दूर से मेले को देखने भारी सख्या में लोग आते थे। मेला न लगने से पब्लिक की भावनाओं को ठेस लगी है। दशकों पुराना मेला इस बार नहीं लग सकेगा। इस बारे में प्रधान अध्यक्ष सतीश खट्टर ने बताया उन्हें शासन से यहां मेला लगाने की लिखित परमिशन बहुत पहले करा रखी थी।

केवल दो दिन के लिए ही इस जगह का उपयोग होता था। इस लिए कमेटी के लोगों ने अन्य जगह तलाश नहीं की थी। प्रशासन को इसका विकल्प तलाशना चाहिए था। शहर के जनप्रतिनिधियों की भी इसमें कोई दिलचस्पी नहीं है।

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