‘सत्यमेव जयते…नए युग की तैयारी’ के साथ सचिन पायलट के लगे होर्डिंग्स, राजस्थान कांग्रेस में सियासी हलचल तेज

जोधपुर। राजस्थान कांग्रेस में सियासी हलचल तेज हो गई है। जोधपुर में अलग-अलग स्थानों पर सत्यमेव जयते, नए युग की तैयारी लिखकर कांग्रेस विधायक सचिन पायलट की तस्वीर वाले होर्डिंग्स लगाए गए हैं। राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं और हाईकमान ने उन पर भरोसा भी जताया …

जोधपुर। राजस्थान कांग्रेस में सियासी हलचल तेज हो गई है। जोधपुर में अलग-अलग स्थानों पर सत्यमेव जयते, नए युग की तैयारी लिखकर कांग्रेस विधायक सचिन पायलट की तस्वीर वाले होर्डिंग्स लगाए गए हैं। राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं और हाईकमान ने उन पर भरोसा भी जताया था, लेकिन उनका मुख्यमंत्री पद का मोह पार्टी और गांधी फैमिली के लिए संकट खड़ा करता दिख रहा है।

शनिवार तक अशोक गहलोत यही कह रहे थे कि हाईकमान जिसे चाहेगा, वही सीएम बनेगा। लेकिन रविवार रात को उन्होंने अपने समर्थक 82 विधायकों का इस्तीफा दिलाकर नया दांव चल दिया। इन विधायकों का कहना है कि गहलोत के विकल्प के रूप में वह सचिन पायलट को स्वीकार नहीं करेंगे। अब कांग्रेस हाईकमान मुश्किल में दिख रहा है और उसके लिए इससे पार पाना सियासी परीक्षा को पास करने जैसा ही होगा।

राजस्थान में नए मुख्यमंत्री का काउंटडाउन शुरू हो गया है। रविवार शाम सात बजे मुख्यमंत्री आवास पर कांग्रेस विधायक दल की बैठक होगी। इस बैठक से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृहनगरी में पोस्टर वार देखने को मिला। जोधपुर शहर के चौराहों पर सचिन पायलट के समर्थन में पोस्टर और होर्डिंग्स लगाए हैं। चौराहों पर लगे होर्डिंग्स में ऊपर लिखा है ‘सत्यमेव जयते’, वहीं नीचे लिखा है ‘नए युग की तैयारी’।

एक पूर्व पार्षद राजेश मेहता ने गहलोत के गृहनगर में पायलट के पोस्टर लगवाए हैं। जिसके बाद सियासी गलियारों में चर्चा तेज हो गई है। माना जा रहा है कि सचिन पायलट ही राजस्थान के अगले मुख्यमंत्री होंगे। सीएम गहलोत की अध्यक्षता में रविवार शाम को बैठक होगी। कहा जा रहा है कि कांग्रेस आलकमान ने प्रदेश प्रभारी अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे को अपना संदेश लेकर भेजा है। इसके अलावा दोनों नेता विधायकों की राय से कांग्रेस आलाकमान को अवगत कराएंगे।

सीएम सलाहकार संयम लोढ़ा ने ट्वीट कर लिखा कि राजनीतिक फैसले नियम के आधार नहीं किए जा सकते। वक्त की नजाकत, जरुरत, राय, उपेक्षा सब का मिश्रण ही निर्णय की सफलता का मार्ग बना सकता है। इसपर सुभाष गर्ग ने भी ट्वीट कर लिखा कि बिल्कुल सही लिखा। मुझे ध्यान है कि नीलम संजीव रेड्डी 1960 से 1963 तक कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे। तब 20 मार्च 1962 से 20 फरवरी 1964 तक आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री रहे।

राजस्थान राजनीतिक संकट पर राज्य में BJP प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि इससे पहले भी वे (विधायक) 50 दिन बाड़े में बंद रहे हैं। मुख्यमंत्री (बनने) के लिए जो महत्वाकांक्षा रही, उससे कांग्रेस बेनकाब हुई है। अशोक गहलोत ने ऐसी सरकार छोड़ी है जिसे देवता भी ऐसी परिस्थितियों को बदल नहीं पाएंगे।

कांग्रेस महासचिव अजय माकन ने कहा कि कांग्रेस विधायक दल की बैठक मुख्यमंत्री की अनुमति से रखी गई थी। जो विधायक नहीं आए उनसे वन टू वन बात सुनने के लिए हम यहां आए हैं। कोई भी बात हो आप हमें कहें। कोई फैसला नहीं हो रहा है। जो आप कहेंगे वो बात हम दिल्ली जाकर कांग्रेस अध्यक्ष को बताएंगे।

राजस्थान राजनीतिक संकट पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा में मनोरंजन कम हुआ अब राजस्थान में भी शुरू हो गया है। राज्य में सरकार नाम की कोई चीज़ नहीं है। कांग्रेस सिर्फ सत्ता का सुख भोगना चाहती हैं, जनता की सेवा नहीं करना चाहती… कांग्रेस में न दिशा है न नेता है।

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