कोरोना सैंपल लेने में बरेली फिसड्डी, 73वें पायदन पर आया
बरेली,अमृत विचार। बरेली जिला प्रदेश में कोरोना के सैंपल लेने में फिसड्डी साबित हुआ है। आलम यह है कि प्रदेश में 75 जिलों में से बरेली जिला सैंपल लेने के मामले में 73 वें स्थान पर आया है। इस पर प्रदेश सरकार ने स्वास्थ महकमे के अफसरों से नाराजगी जताई है। शासन से अफसरों को …
बरेली,अमृत विचार। बरेली जिला प्रदेश में कोरोना के सैंपल लेने में फिसड्डी साबित हुआ है। आलम यह है कि प्रदेश में 75 जिलों में से बरेली जिला सैंपल लेने के मामले में 73 वें स्थान पर आया है। इस पर प्रदेश सरकार ने स्वास्थ महकमे के अफसरों से नाराजगी जताई है।
शासन से अफसरों को अधिक से अधिक सैंपल लेकर जांच कराने के निर्देश मिले हैं, जिससे संक्रमितों को जल्द चिन्हित कर कोरोना महामारी को नियंत्रित किया जा सके। चिकित्सकों का भी मानना है कि जितने अधिक सैंपल लिए जाएंगे उसी हिसाब से संक्रमित लोग भी चिन्हित हो सकेंगे। समय से चिन्हित न होने पर आने वाले समय में यह सामुदायिक संक्रमण का कारण भी बन सकते हैं।
करीब एक महीने पहले आईसीएमआर के विशेषज्ञों ने जिले विभिन्न क्षेत्रों का चयन कर वहां पर करीब चार सौ लोगों के रैंडम सैंपल लिए थे। टीम का उदेश्य जीरो सर्विलांस के तहत लिए गए सैंपल में संक्रमण के सामुदायिक फैलाव का पता करना था। जिसके बाद आई इन सैंपल की रिपोर्ट काफी चौंकाने वाली रही, इसमें से तीन ऐसे लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव मिली जो संक्रमित हुए और स्वस्थ भी हो गए।
इस संबंध में रिपोर्ट पर चिकित्सकों ने सामुदायिक संक्रमण के शुरुआत की आशंका भी जताई थी। मगर अफसर इससे इनकार करते रहे। वहीं, सैंपलिंग कम करने का आरोप आईवीआरआई पर लगा दिया गया। उनके मुताबिक लैब में कुछ काम होने की वजह से सैंपलिंग कम करने को कहा गया था।
स्वास्थ्य विभाग के बयान पर आईवीआरआई ने आपत्ति भी जताई थी। आईवीआरआई के मुताबिक जितने सैंपल मिलेंगे उन सभी की जांच की जा रही है। अफसर दोषारोपण करते रहे गए और रिपोर्ट पिछड़ गई संक्रमण बढ़ रहा है। शासन स्तर पर प्रत्येक जिले में रोजाना समीक्षा हो रही है। इस दौरान दो जुलाई को ही समीक्षा में बरेली 73वें स्थान पर रहा। इसको लेकर शासन ने सैंपल की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।
“सैंपलिंग बढ़ाने के लिए एमएमयू और तीन सौ बेड अस्पताल की सैंपलिंग टीम को निर्देश दिए गए हैं। एमएमयू को प्रतिदिन एक इलाके में पहुंचकर वहां पर संदिग्ध मिले सभी लोगों की सैंपलिंग के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा अब सीएचसी पर भी सैंपलिंग की व्यवस्था की जा रही है। जिससे लोगों को बेवजह की दौड़ न लगानी पड़े। लोगों से अनुरोध है कि अगर वह किसी संक्रमित के संपर्क में आए हैं तो बताएं, इसे छिपाना अपराध है।” -डॉ. रंजन गौतम, एसीएमओ, जिला सर्विलांस अधिकारी