खबर का असर: यूपीपीसीबी कराएगा पानी में यूरेनियम की जांच

कानपुर, अमृत विचार। कानपुर और कानपुर देहात के भूमिगत जल में मिले यूरेनियम की जांच शुरू हो गई है। दोनों जिलों के प्रभावित क्षेत्रों के सरकारी हैंडपंप से नमूने लेकर लखनऊ की अत्याधुनिक लैब में भेजे जाएंगे। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) के मुख्यालय ने कानपुर और कानपुर देहात के क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड …
कानपुर, अमृत विचार। कानपुर और कानपुर देहात के भूमिगत जल में मिले यूरेनियम की जांच शुरू हो गई है। दोनों जिलों के प्रभावित क्षेत्रों के सरकारी हैंडपंप से नमूने लेकर लखनऊ की अत्याधुनिक लैब में भेजे जाएंगे। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) के मुख्यालय ने कानपुर और कानपुर देहात के क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों को मामले की जांच के लिए निर्देशित किया है। कानपुर देहात के क्षेत्रीय अधिकारी ने आईआईटी के विशेषज्ञों से संपर्क किया है।
आईआईटी के अर्थ साइंस विभाग के प्रो. इंद्रशेखर सेन और शोधार्थी डॉ. सरवर निजाम ने कानपुर और कानपुर देहात के 192 क्षेत्रों में लगे सरकारी हैंडपंप के नमूने लिए, जिसकी पड़ताल में कई क्षेत्रों के भूमिगत जल में यूरेनियम का स्तर डब्ल्यूएचओ के मानक से काफी ज्यादा निकला। चकेरी, सकरावां, विषधन, घाटमपुर, गांधीग्राम, नानकारी, चौबेपुर में तो स्थिति और भी बिगड़ी हुई मिली। विशेषज्ञों ने शोध को अंतरराष्ट्रीय जर्नल में प्रकाशित किया। यूरेनियम का यह स्तर सेहत के लिए नुकसान पहुंचाने वाला है। अमृत विचार समाचार पत्र ने आमजन के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए शोध की रिपोर्ट को संज्ञान में लिया और जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों से बातचीत कर खबरें प्रकाशित कीं। सामाचार पत्र की खबरों पर उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने कानपुर नगर के क्षेत्रीय अधिकारी अमित मिश्रा और कानपुर देहात के क्षेत्रीय अधिकारी आशुतोष पांडेय को मामले की पड़ताल के लिए कहा है।
आईआईटी से मांगी जा रही लोकेशन
आशुतोष पांडेय ने बताया कि आईआईटी के विशेषज्ञों से संपर्क किया गया है। उनसे जिन क्षेत्रों से भूमिगत जल से नमूने लिए गए हैं, वहां की लोकेशन मांगी जा रही है। इससे वहां के पानी के सैंपल लिए जाएंगे। सिर्फ वहीं नहीं आसपास के क्षेत्रों से भी नमूने लिए जाएंगे। यह काफी गंभीर मामला है। इसको दिखवाया जाएगा। आखिर यूरेनियम का स्रोत क्या है, जिसकी वजह से पानी दूषित हो रहा है।
आईआईटीआर भेजे जा सकते सैंपल
अमित मिश्रा के मुताबिक उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड मुख्यालय की लैब काफी अत्याधुनिक है। यहां कई तरह के सैंपल की जांच होती है। कानपुर से सैंपल मुख्यालय भेजे जा सकते हैं। इसके अलावा इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टॉक्सिकोलॉजी रिसर्च, लखनऊ से जांच कराई जा सकती है। आईआईटी से रिपोर्ट मांगी जाएगी।
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