रायबरेली : आज दिखा मुहर्रम का चांद, आंखे हुई नम, बदल गए परिधान

रायबरेली, अमृत विचार। शिया समुदाय के लिए शनिवार का चांद गम और मातम का पैग़ाम लेकर आया है। मुस्लिम कैलेंडर का पहला महीना मुहर्रम रविवार से शुरू होगा। शनिवार को मुहर्रम का चांद निकल आया है। कर्बला में हजरत इमाम हुसैन की साथियों के साथ शहादत की याद दिलाने वाला यह महीना शिया समुदाय के …
रायबरेली, अमृत विचार। शिया समुदाय के लिए शनिवार का चांद गम और मातम का पैग़ाम लेकर आया है। मुस्लिम कैलेंडर का पहला महीना मुहर्रम रविवार से शुरू होगा। शनिवार को मुहर्रम का चांद निकल आया है। कर्बला में हजरत इमाम हुसैन की साथियों के साथ शहादत की याद दिलाने वाला यह महीना शिया समुदाय के लिए दुःख और क्षोभ का महीना है।
आज की शाम यह ऐसा चांद था, जिसने शिया समुदाय के हर घर को मातम में डूबो दिया । महिलाओं ने अपने हाथ की चूड़ियां तोड़ दी , सारे श्रृंगार मिटा दिए , गम का प्रतीक परिधान धारण कर लिए और हर आंख हजरत इमाम हुसैन की याद में डूब गई। चांद निकलते ही मुहर्रम का आगाज मुकम्मल हो गया है।
चांद के दीदार के साथ शिया समुदाय की महिलाओं ने चूड़ियां तोड़ दी , सारे श्रृंगार मिटा दिए । महिलाओं के साथ पुरुषों ने भी रंग बिरंगे परिधान त्यागकर गम का प्रतीक काले परिधान को धारण कर लिया है । रविवार से मुहर्रम शुरू हो जाएगा । कर्बला में कुल 71लोगो की शहादत का नेतृत्व करने वाले पैगम्बर मुहम्मद साहब के नवासे हजरत इमाम हुसैन की याद में जिले के शहर , नसीराबाद, मुस्तफाबाद कस्बे का हर आंगन मातम में डूबा हुआ है ।
इससे पहले शुक्रवार की शाम को आगाज ए मुहर्रम का जुलूस ऊंचाहार के जमुनियाहर कब्रिस्तान से शुरू हुआ । जिसमे नौहाख्वनी पढ़ते हुए ओवैश नकवी ने पढ़ा कि ” तमाम जुल्म के शोले बुझा दिए जिसने , चिराग हक़ के तमाम जला दिए जिसने , याजीदियत के अंधेरे को मिटा दिया जिसने ,, आज हम करते है उस हुसैन का मातम , खुली जो आंख तो देखा हुसैन का मातम” तो या हुसैन की सदायें गूंज उठी। इस मौके पर अशरफ हुसैन असद ,ताबिश हैदर, राहिल नकवी , रेहान हैदर, हसनैन मुस्फाबादी , नाजिर हैदर ,मोनू , तुराब अख्तर और आसिफ समेत सैकड़ों लोग मौजूद थे।
शहर के कजियाना मोहल्ले में मरहूम रजी अब्बास साहब के इमामबारगाह में मजलिस हुई। मजलिस के बाद आगाज ए मुहर्रम का जुलूस शुरू हुआ ।जिसको अंजुमन ज़ैनुल एबा ने उठाया। जुलूस अपने नियत रास्तों से होता हुआ इमामबाड़ा मीर मुज्तबा हुसैन में समाप्त हुआ ।जिसमें फ़ैयाज़ रायबरेलवी ने कलाम पढ़ा। उसके बाद नौरोज़ व उनके साथियों ने इमाम हुसैन को श्रद्धांजलि दी।इस अवसर पर अंजुमन के अध्यक्ष फ़ैयाज़ , उपाध्यक्ष रिज़वान हैदर , सचिव साजिद जाफरी, मीसम नक़वी, सफी अब्बास और ज़हीर अब्बास बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।
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