अयोध्या: जिले के आठ विकास खण्डों में मनरेगा नियमों की उड़ी धज्जियां, अनुपात का नहीं किया पालन

अयोध्या: जिले के आठ विकास खण्डों में मनरेगा नियमों की उड़ी धज्जियां, अनुपात का नहीं किया पालन

अयोध्या। शासन की गाइडलाइन के मुताबिक भले ही मनरेगा में काम कराने का अनुपात 60:40 हो, लेकिन जिले में बीडीओ अपने अनुपात पर कार्य कराते हैं। जिला प्रशासन की सख्ती को चार माह में ही अधिकारियों ने ठेंगा दिखा दिया है। मजदूरों को काम देेने के बजाय आठ ब्लॉकों ने सामग्री पर ज्यादा धनराशि खर्च …

अयोध्या। शासन की गाइडलाइन के मुताबिक भले ही मनरेगा में काम कराने का अनुपात 60:40 हो, लेकिन जिले में बीडीओ अपने अनुपात पर कार्य कराते हैं। जिला प्रशासन की सख्ती को चार माह में ही अधिकारियों ने ठेंगा दिखा दिया है। मजदूरों को काम देेने के बजाय आठ ब्लॉकों ने सामग्री पर ज्यादा धनराशि खर्च कर दी। सोहावल ब्लॉक की कई ग्राम पंचायतों में जाबकार्ड धारकों के बजाय मण्डी के मजदूरों से काम करा दिया। सख्त कार्रवाई न होने पर मनरेगा के पैसे का बंदर बांट हो रहा है।

इन आठ ब्लॉकों ने उड़ा दी अनुपात की धज्यियां

आठ ब्लाक ऐसे हैं, जिन्होंने मनरेगा के अनुपात मानक को अपनाया ही नहीं। श्रमिकों को काम देने में कम दिलचस्पी दिखाकर सामग्री पर पैसा अधिक खर्च किया गया। इसमें पूराबाजार, मया, बीकापुर, रुदौली, तारून, मिल्कीपुर, सोहावल, मसौधा शामिल है। यह ब्लॉक जाब कार्ड धारकों को काम देने में फिसड्डी रहे। औसत देखा जाय तो जिला स्तर पर श्रमिकों पर 58 करोड़ 41 लाख खर्च किए गए, जबकि प्रतिशत 47.96 रहा। वहीं सामग्री पर 63 करोड़ 39 लाख खर्च हुए, जिसका प्रतिशत 52.04 है, जो नियम विरूद्ध है।

मनरेगा कार्य कराने के यह है नियम

मनरेगा का उद्देश्य और नियम है कि गांवों में लोगों को रोजगार से जोड़कर काम दिया जाए। इसलिए जितना पैसा श्रमिक पर खर्च होगा, उसका 40 प्रतिशत ही सामग्री पर खर्च करने का नियम है। कुल धनराशि का 60 प्रतिशत पैसा मजदूरी पर और 40 प्रतिशत सामग्री पर खर्च होना चाहिए था। जिले में इन मानकों की धज्जियां उड़ी और सामग्री पर अंधाधुंध पैसा खर्च किया गया। सख्ती के बाद भी बीडीओ और एपीओ ने नियम तोड़ डाले।

जाबकार्ड धारकों को काम देने में अव्वल ब्लॉक

विकास खण्ड तारून में 69.86 प्रतिशत रकम जाबकार्ड धारकों को काम देकर खर्च किया वहीं 30.14 प्रतिशत धनराशि सामग्री पर खर्च किया। हैरिंग्टनगंज ब्लॉक में 73 प्रतिशत मजदूरी पर खर्च व सामग्री पर 27 प्रतिशत ही धनराशि खर्च की गई है। इन ब्लॉकों में विकास भी मानक के अनुरूप पर हो रहे हैं।

कोट- मनरेगा आडिट में यह रिपोर्ट सामने आई है। जिन ब्लाकों ने गाइडलाइन का पालन नहीं किया उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। – अनीता यादव – सीडीओ, अयोध्या

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