अपने ही मंत्री से दीदी का किनारा, बोलीं- उम्रकैद भी हो जाए तो मुझे फर्क नहीं पड़ता

कोलकाता। शिक्षक भर्ती घोटाले में गिरफ्तार पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी को लेकर पहली बार सूबे की मुख्यमंत्री और टीएमसी नेता ममता बनर्जी का बयान आया है। ममता ने सोमवार को कहा कि अगर किसी ने गलती की है तो उसे कितनी भी बड़ी सजा मिले, मुझे फर्क नहीं पड़ता। हम ऐसे लोगों का …
कोलकाता। शिक्षक भर्ती घोटाले में गिरफ्तार पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी को लेकर पहली बार सूबे की मुख्यमंत्री और टीएमसी नेता ममता बनर्जी का बयान आया है। ममता ने सोमवार को कहा कि अगर किसी ने गलती की है तो उसे कितनी भी बड़ी सजा मिले, मुझे फर्क नहीं पड़ता। हम ऐसे लोगों का समर्थन नहीं करेंगे। लेकिन, एक निश्चित समय सीमा के अंदर सच्चाई के आधार पर फैसला दिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि अगर दोषी साबित पाए जाते हैं तो उम्र कैद की सजा दिए जाने में भी मुझे कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने कहा कि मैंने जीवनभर राजनीति की है ये अपने निजी फायदे के लिए नहीं की। मेरे लिए राजनीति ही जनसेवा है. राजनीति लोगों से प्यार करने और देश की सेवा करने के बारे में है। ये मैंने अपने शिक्षकों, माता-पिता से सीखा है।
उन्होंने कहा कि अगर वे मुझसे पूछते हैं कि मेरी आय का स्रोत क्या है तो मैं उन्हें बता दूं कि मैं किताबें लिखती हूं, मुझे इससे रॉयल्टी मिलती है। मेरी कई किताबें बेस्टसेलर हैं। ममता ने कहा कि मैं मीडिया ट्रायल में शामिल नहीं होना चाहती। हम कैसे जानते हैं कि कोई बेईमानी नहीं है?
उन्होंने कहा कि मैं विभिन्न दुर्गा पूजा में शामिल होती हूं। मैं बहुत से लोगों से मिलती हूं तो मैं क्या कर सकती हूं? क्या इसका मतलब यह है कि मैं लोगों के साथ जुड़ना बंद कर दूंगी? अगर ऐसा है तो मेहुल चौकसी, नीरव मोदी का क्या? पीएम भी दिखे उनके साथ। उन्होंने जानबूझकर 22 जुलाई को सिर्फ हमें निशाना बनाने के लिए चुना, क्योंकि हमने 21 जुलाई को सफलतापूर्वक रैली की थी।
बता दें कि पार्थ चटर्जी सोमवार सुबह कोलकाता से भुवनेश्वर एम्स पहुंचे। जांच के बाद एम्स डायरेक्टर आशुतोष बिस्वास ने कहा कि लंबी बीमारी के चलते उन्हें समस्याएं हो रही हैं। हमने जांच के बाद अपनी रिपोर्ट कलकत्ता हाईकोर्ट में सबमिट कर दी है। डॉ. बिस्वास ने कहा कि उन्हें सीने में ज्यादा दर्द नहीं है। हालत स्थिर है और उन्हें आज ही डिस्चार्ज कर दिया जाएगा।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पार्थ को शनिवार को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद पार्थ ने कहा था कि वे बीमार हैं और उन्हें अस्पाल में भर्ती किया जाए। हाईकोर्ट के आदेश पर पार्थ को कोलकाता के SSKM अस्पताल में भर्ती किया गया था।
लेकिन, इसके बाद ईडी कलकत्ता हाईकोर्ट गई और कहा कि उन्हें कोलकाता से बाहर किसी अस्पताल में ला जाने का आदेश दीजिए, क्योंकि वे कोलकाता में अपने रसूख का इस्तेमाल कर सकते हैं। ईडी ने हाईकोर्ट में कहा कि अस्पताल में पार्थ का व्यवहार किसी डॉन की तरह था। इसके बाद हाईकोर्ट ने कहा था कि उन्हें भुवनेश्वर के एम्स ले जाया जाए। ईडी ने कलकत्ता हाईकोर्ट में AIIMS की रिपोर्ट सौंप दी है, जिसमें बताया है कि वे फिट हैं। इसलिए उन्हें हिरासत में लिया जा सकता है। स्पेशल कोर्ट ने सुनवाई शुरू कर दी है।
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