कर्नाटक बैडमिंटन संघ की मान्यता रद करने के BAI के फैसले पर लगाई रोक

कर्नाटक बैडमिंटन संघ की मान्यता रद करने के BAI के फैसले पर लगाई रोक

बेंगलुरु। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने कर्नाटक बैडमिंटन संघ (केबीए) की मान्यता रद करने के भारतीय बैडमिंटन संघ (बीएआई) के फैसले पर रोक लगा दी है। बीएआई ने केबीए को 13 जुलाई को एक पत्र भेजकर उसकी मान्यता रद्द करने की जानकारी दी थी। इसके लिए उसने केबीए द्वारा उसके संविधान में किए गए संशोधन का …

बेंगलुरु। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने कर्नाटक बैडमिंटन संघ (केबीए) की मान्यता रद करने के भारतीय बैडमिंटन संघ (बीएआई) के फैसले पर रोक लगा दी है। बीएआई ने केबीए को 13 जुलाई को एक पत्र भेजकर उसकी मान्यता रद्द करने की जानकारी दी थी। इसके लिए उसने केबीए द्वारा उसके संविधान में किए गए संशोधन का पालन न करना और इसे बीएआई के उपनियमों के अनुरूप न लाने की वजह बताई थी।

बीएआई के फैसले को चुनौती देने वाली केबीए की याचिका पर न्यायमूर्ति एस जी पंडित ने सुनवाई की। केबीए की ओर से पेश हुए वकील ने कहा, ‘‘याचिकाकर्ता की मान्यता रद करते हुए जारी किया गया पत्र प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन है और इससे पहले कोई नोटिस भी जारी नहीं किया गया।’’

प्रतिवादियों युवा सशक्तीकरण एवं खेल विभाग और कर्नाटक सरकार की ओर से पेश अधिवक्ताओं ने अदालत से कहा, ‘‘कर्नाटक बैडमिंटन संघ ने भारतीय राष्ट्रीय खेल विकास संहिता, 2011 की तर्ज पर उप नियमों में संशोधन नहीं किया।’’ उच्च न्यायालय ने कहा, ‘‘यह अवलोकन करने के बाद कि कर्नाटक बैडमिंटन संघ की मान्यता रद करने से पहले कोई नोटिस जारी करने का खुलासा या संकेत नहीं दिया गया था, मामले पर विचार करने की आवश्यकता है।’’ अदालत ने कहा कि अत: वह इस पत्र पर रोक लगाती है और प्रतिवादियों को जवाब देने के लिए दो हफ्तों का समय दिया जाता है।

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