अयोध्या: अविवि में पूर्व कुलपति के समय हुईं कथित अवैध नियुक्तियां हो सकती हैं रद्द, गुपचुप तरीके से बुलाई कार्य परिषद की बैठक

अयोध्या। डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में पूर्व कुलपति रविशंकर पटेल के कार्यकाल में हुईं सभी अवैध नियुक्तियां रद की जा सकती है। इसके लिए गुरुवार को विश्वविद्यालय में एक आपात कार्यपरिषद की बैठक बुलाई गई थी, जिसमें सभी अवैध नियुक्तियों की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी भी गठित की गई है, जिसमें …
अयोध्या। डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में पूर्व कुलपति रविशंकर पटेल के कार्यकाल में हुईं सभी अवैध नियुक्तियां रद की जा सकती है। इसके लिए गुरुवार को विश्वविद्यालय में एक आपात कार्यपरिषद की बैठक बुलाई गई थी, जिसमें सभी अवैध नियुक्तियों की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी भी गठित की गई है, जिसमें एक सेवानिवृत न्यायाधीश, उच्च शिक्षा सेवा आयोग के सदस्य व जिलाधिकारी शामिल रहेंगे।
हालांकि कार्यपरिषद की बैठक में लिए गए फैसलों के बारे में कोई कुछ भी बताने को तैयार नहीं है, लेकिन विवि प्रशासन द्वारा बुलाई गई गुपचुप बैठक ने इस बात की तस्दीक कर दी है। मालूम हो कि साकेत महाविद्यालय के एक शिक्षक ने रविशंकर सिंह पटेल के कच्चे-चिट्ठे को उजागर किया था। मामला गरमाता देख रविशंकर को राजभवन बुलाकर इस्तीफा ले लिया गया था, जिसके बाद यहां कार्यवाहक के तौर पर अखिलेश सिंह को विवि का जिम्मा सौंपा था।
पूर्व कुलपति रविशंकर सिंह पटेल ने अपने लोगों की नियुक्ति के लिए रोस्टर ही बदला दिया था। कुलसचिव सहित सभी जिम्मेदार लोगों ने अपने सगे संबंधियों को नौकरी देने के लिए नियम कानून ताक पर रख दिया था। कार्य परिषद में लिफाफा खुलने के तुरंत बाद चयनित शिक्षकों को ज्वाइन भी करा दिया गया ताकि शिकायत होने पर मामले को लटकाया जा सके।
विश्वविद्यालय में छह अप्रैल को कार्यपरिषद की बैठक हुई। आशंका जाहिर की जा रही थी कि छह विभागों में होने वाली शिक्षकों की नियुक्तियों में गड़बड़ी होगी। जब लिफाफा खुला तो आशंका सच साबित हुई। इतना ही नहीं काले कारनामों पर पर्दा डालने के लिए चयनित शिक्षकों को तुरंत ज्वाइन भी करा दिया गया।
मामले की शिकायत पूर्व कार्यपरिषद सदस्य ओमप्रकाश सिंह व अन्य ने राज्यपाल, मुख्यमंत्री सहित केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्री से भी किया था। कुलपति की करतूतों के सार्वजनिक होने पर कुलाधिपति आनंदी बेन पटेल ने भ्रष्ट कुलपति रविशंकर सिंह पटेल से इस्तीफा ले लिया था।
अवध विश्वविद्यालय अनुदानित महाविद्यालय शिक्षक संघ ने भी कुलसचिव की शिकायत पर मोर्चा खोल रखा है। शिकायतों पर कारवाई को लेकर दबाव बढ़ रहा था। राजभवन के निर्देश पर विश्वविद्यालय कार्य परिषद को आखिर में जांच समिति गठित करने का निर्णय लेना ही पड़ा।