लखनऊ : स्वास्थ्य कर्मियों के स्थानान्तरण रोकने को लेकर बड़े आन्दोलन की तैयारी,आज दिखी झलक

लखनऊ, अमृत विचार । उत्तर प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में हुये स्वास्थ्यकर्मियों के स्थानान्तरण में गड़बड़ियों का आरोप लग चुका है, आरोप के बाद से ही स्वास्थ्यकर्मियों के स्थानान्तरण निरस्त किये जाने की मांग की जा रही है। इसी मांग को लेकर हालही में एक दिन राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के बुलाये पर …
लखनऊ, अमृत विचार । उत्तर प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में हुये स्वास्थ्यकर्मियों के स्थानान्तरण में गड़बड़ियों का आरोप लग चुका है, आरोप के बाद से ही स्वास्थ्यकर्मियों के स्थानान्तरण निरस्त किये जाने की मांग की जा रही है।
इसी मांग को लेकर हालही में एक दिन राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के बुलाये पर अन्य विभागों के कर्मचारी नेता स्वास्थ्य भवन पर इक्कठा हुये थे। कर्मचारियों नेताओं के साथ भारी तादात में स्वास्थ्यकर्मचारी भी मौजूद थे। लेकिन उस दिन उनकी सुनवाई नहीं हुई थी।
आज एक बार फिर स्थानान्तरण को निरस्त करने की मांग को लेकर राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने स्वास्थ्य कर्मचारियों का आह्वान किया था। जिसके बाद सभी राज्यकर्मियों ने काला फीता बांधकर विरोध प्रदर्शन शुरू किया ।
बताया जा रहा है कि 25 जुलाई से मांग को लेकर प्रदर्शन शुरू हो जायेगा। 25 जुलाई के दिन सभी जिलों के सीएमओ कार्यालय पर कर्मचारी धरना देंगे। इसके बाद 26 से 30 जुलाई तक दो घंटे कार्य बहिष्कार किया जायेगा।
आज भी हुआ प्रदर्शन
आज राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के आह्वान पर आज प्रदेश के सभी जिलों में स्थित अस्पतालों में कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया। कर्मचारियों ने काला फीता बांधकर स्थानान्तरण निरस्त करने की मांग की ।
जाने किसने क्या कहा
परिषद के समर्थन में कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष वीपी मिश्रा ने कर्मचारियों के साथ हो रहे अन्याय पर आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि अधिकारी शासन की स्थानान्तरण नीति का पालन नही कर रहें है।
परिषद के अध्यक्ष सुरेश रावत ने कहा कि नीति के अनुसार समूह ग के कर्मियों का केवल पटल परिवर्तन किया जाना था, लगभग सभी जनपदों में 80 प्रतिशत से अधिक कर्मचारियों का पटल परिवर्तन के नाम शोषण करते हुये स्थानान्तरण कर दिया गया।
डीपीए के प्रदेश अध्यक्ष संदीप बडोला व महामंत्री उमेश मिश्रा ने कहा कि प्रदेश के सभी जिलों का फार्मासिस्ट दुखी व आक्रोशित है।
नेत्र परीक्षण अधिकारी संघ के अध्यक्ष जी एम सिंह व डेन्टल हाईजनिस्ट एसोसिएशन के महामंत्री राजीव तिवारी ने कहा कि कोरोना वारियर्स के साथ विभाग द्वारा स्थानान्तरण के नाम पर किया गया शोषण को उचित नहीं ठहराया जा सकता।
लैब टेक्नीशियन एसोसिएशन के सचिव कमल श्रीवास्तव व मीडिया प्रभारी सुनील कुमार ने कहा कि कोविड-19 में लैब टेक्नीशियन ने फ्रान्ट लाइन में कार्य कर जांचे की व काफी दिवंगत भी हो गये। इसके बाद स्थानान्तरण के नाम पर शोषण सरकार की छवि खराब करने में महत्वपूर्ण योगदान शासन व विभाग के अधिकारी निभा रहे है।
परिषद के महामंत्री अतुल मिश्रा ने कहा कि अनियमित स्थानान्तरण की साक्ष्यों सहित जानकारी उपलब्ध कराने के बावजूद महानिदेशालय ने गलत तरीके से किये स्थानान्तरण को निरस्त करने में हीलाहवाली की है।
यह भी पढ़ें – बरेली: मुख्य परीक्षा में अलग-अलग जिलों में पकड़े गए 15 नकलची