टनकपुर: हाईवे पर आया मलबा, एक घंटा बाधित रहा यातायात

टनकपुर, अमृत विचार। मौसम विभाग द्वारा बुधवार को जनपद चम्पावत में बारिश को लेकर अलर्ट किया गया था लेकिन बनबसा को छोड़कर टनकपुर, चम्पावत, लोहाघाट, पाटी एवं बाराकोट में आंशिक से हल्की वर्षा हुई। सुरक्षा की दृष्टि से प्रशासन के निर्देश पर बुधवार को सरकारी व गैर सरकारी विद्यालय भी बंद रहे। दोपहर लगभग एक …
टनकपुर, अमृत विचार। मौसम विभाग द्वारा बुधवार को जनपद चम्पावत में बारिश को लेकर अलर्ट किया गया था लेकिन बनबसा को छोड़कर टनकपुर, चम्पावत, लोहाघाट, पाटी एवं बाराकोट में आंशिक से हल्की वर्षा हुई। सुरक्षा की दृष्टि से प्रशासन के निर्देश पर बुधवार को सरकारी व गैर सरकारी विद्यालय भी बंद रहे। दोपहर लगभग एक बजे धौन-स्वाला के बीच मलबा गिरने से टनकपुर-चम्पावत हाईवे बंद हो गया।
इसे कड़ी मशक्कत के बाद दो बजे खोल दिया गया। इस दौरान पर्वतीय और मैदानी क्षेत्र को आने जाने वाले यात्रियों को भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। तीन ग्रामीण सड़कें भी मलबा गिरने से बंद हो गईं हैं। वर्षा से बनबसा में कई स्थानों में जल भराव हुआ।
चम्पावत, लोहाघाट, पाटी में सुबह नौ बजे तक आंशिक और हल्की वर्षा हुई। जबकि टनकपुर में रिमझिम और बनबसा में काफी तेज बारिश हुई। बनबसा में कई क्षेत्रों में जलभराव होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। यहां सुबह आठ बजे शारदा नदी का जल स्तर 81 हजार क्यूसेक तक पहुंच गया था।
टनकपुर-चम्पावत हाईवे पर दोपहर तक आवागमन सामान्य रहा लेकिन एक एक बजे के करीब धौन-स्वाला के बीच पहाड़ी से बड़ी मात्रा में मलबा आने से सड़क बंद हो गई। सड़क बंद होने की सूचना के बाद मौके पर जेसीबी मशीनों को भेजा गया। मलबा ज्यादा होने के कारण आपरेटरों को मशक्कत करनी पड़ी। दो बजे मलबा हटाकर सड़क को आवागमन के लिए सुचारू कर दिया गया।
इधर, ग्रामीण क्षेत्रों को जोड़ने वाली बसौटी-रौकुंवर, सूखीढांग-डांडामीडार और धौन-द्यूरी सड़क भी मलबा आने से बंद हो गयी। इन सड़कों को खोलने का काम जारी है। मौसम ठीक रहने पर देर शाम तक मलबा हटा लिए जाने की उम्मीद है। उधर, शारदा नदी का जलस्तर एकाएक बढ़ गया है।
स्थानीय प्रशासन ने टनकपुर के घाट क्षेत्र में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थान पर जाने को कहा है। वहीं, मंगलवार को टनकपुर-पूर्णागिरि मार्ग पर स्कूली बस के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद प्रशासन द्वारा पूर्णागिरि आने वाले श्रद्धालुओं की आवाजाही पर तीन दिन तक रोक लगा दी गई है। जिले के मैदानी क्षेत्र टनकपुर और बनबसा में हो रही बरसात काश्तकारों की धान की रोपाई के लिए लाभकारी बताई जा रही है।