पीलीभीत: सावधान! जान के साथ खिलवाड़ कर रहे टिफिन व्यवसायी

पीलीभीत:  सावधान! जान के साथ खिलवाड़ कर रहे टिफिन व्यवसायी

पीलीभीत, अमृत विचार। सावधान! अगर, आप भी टिफिन सर्विस द्वारा खाना मंगवाते हैं तो सतर्क हो जाएं। आप जो खाना खाते हैं उसकी कोई क्वालिटी चेक नहीं की जाती है। न ही कोई मानक पूरे किए जाते हैं। ऐसे में यह आपकी सेहत भी खराब कर सकता है। यहां तक कि टिफिन सर्विस व्यवसायी सरकार …

पीलीभीत, अमृत विचार। सावधान! अगर, आप भी टिफिन सर्विस द्वारा खाना मंगवाते हैं तो सतर्क हो जाएं। आप जो खाना खाते हैं उसकी कोई क्वालिटी चेक नहीं की जाती है। न ही कोई मानक पूरे किए जाते हैं। ऐसे में यह आपकी सेहत भी खराब कर सकता है। यहां तक कि टिफिन सर्विस व्यवसायी सरकार को भी लाखों रुपए का चूना लगा रहे हैं। यह पूरा कारोबार घरेलू तरह से संचालित किया जा रहा है। वहीं, इस मामले में खाद्य सुरक्षा विभाग का कहना है कि अगर कोई शिकायत आएगी तो कार्रवाई की जाएगी, यानि मातहत किसी बड़े हादसे के इंतजार में बैठे हैं। जबकि कई सरकारी विभागों में सरकारी कर्मचारी ही टिफिन सर्विस उपयोग करते हैं।

शहर के विभिन्न मोहल्लों में तेजी से टिफिन सर्विस का कारोबार फल-फूल रहा है। वहीं, इसको लेकर विभागीय कर्मचारी मूकदर्शक बने हुए हैं। फूड सेफ्टी एक्ट के अंतर्गत कोई भी शहरवासी बिना लाइसेंस के किसी भी प्रकार का फूड सप्लाई का व्यवसाय नहीं कर सकता है। अगर, कोई भी व्यक्ति खाना बनाकर बेचना चाहता है तो उसके लिए खाद्य सुरक्षा और मानक विभाग का लाइसेंस होना अनिवार्य है। ऐसा न करने पर तीन साल की सजा तथा 10 लाख रुपए तक जुर्माना वसूला जा सकता है। इसके साथ ही घर से किसी भी प्रकार का कमर्शियल काम करने की अनुमति नहीं है। लेकिन ये सारे नियमों को कारोबारी ताक में रखकर टिफिन सर्विस संचालित कर रहे हैं।

अगर पीलीभीत शहर में टिफिन सर्विस के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो कम से कम 10 से 15 कारोबारी घर से इस बिजनेस को चलाकर सरकार और अधिकारियों की आंखों में धूल झोंक रहे हैं। यहां तक कि टिफिन कारोबारी यह दावा तक करते हैं कि स्वाद घर जैसा मिलेगा।

ज्यादतर सरकारी दफ्तरों में जाते हैं टिफिन
एक टिफिन संचालक के मुताबिक 85 से 90 फीसदी टिफिन सर्विस का उपयोग सरकारी कर्मचारी करते हैं। अन्य जिलों से ट्रांसफर हुए कर्मचारी घर के खाने के लालच में आकर ज्यादातर टिफिन मंगाते हैं। घर बैठे-बैठे टिफिन आ जाने से ज्यादा दिक्कत भी नहीं होती है। जिसका मोटा मुनाफा टिफिन कारोबारी कमाते हैं। मुम्बई की डब्बा इंडस्ट्री की तरह पीलीभीत में भी टिफिन सर्विस का चलन बढ़ता चला जा रहा है।

घरेलू एलपीजी से पकाया जा रहा खाना
किसी भी व्यवसायिक काम करने के लिए घरेलू एलपीजी का उपयोग अपराध है। लेकिन टिफिन सर्विस के लिए पकने वाले खाने में घरेलू एलपीजी का उपयोग किया जा रहा है। जबकि इससे सरकार को मोटा चूना लग रहा है। सब्सिडी सिलेंडरों से खाना तैयार किया जा रहा लेकिन ग्राहकों से मोटे दाम ऐंठे जा रहे हैं। वहीं इस पर पूर्ति विभाग के अधिकारी भी चुप्पी साधे हुए हैं।

लाखों का हो रहा टैक्स चोरी
खाद्य सुरक्षा व मानक विभाग द्वारा कोई लाइसेंस जारी न होने के कारण सरकार से लाखों रुपये का टैक्स चोरी किया जा रहा है। ये व्यवसायी अपनी कमाई का बहुत बड़ा हिस्सा सरकार से छुपाकर रखते हैं। जिसकी भनक अधिकारियों को भी नहीं लगती है।

नहीं होती खाने की क्वालिटी चेक
लाइसेंस जारी न होने के कारण दफ्तरों में पहुंचने वाले खाने की कोई क्वालिटी चेक नहीं की जाती है। ऐसे में खाने में मिलावट होना लाजमी है। खाने की गुणवत्ता का चेक करने का काम (एफएसएसएआई) फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया का होता है लेकिन ऐसा नहीं किया जाता है।

तो शिकायत आने के बाद होगी कार्रवाई
अभी तक ऐसी कोई शिकायत आई नहीं है। अगर, शिकायत आती है तो कार्रवाई की जाएगी। जहां भी बिना लाइसेंस के टिफिन सर्विस संचालित हो रही है, ऐसे लोगों का चालान किया जाएगा। खाद्य सुरक्षा विभाग अभियान चला रहा है। जिसकें अंतर्गत ऐसे लोगों पर कार्रवाई की जाती है जो मानक के विपरित कोई खाने की वस्तु बेचते हैं। – शशांक त्रिपाठी, अभिहित अधिकारी

 

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