लखनऊ : डीएचएफएल के मालिकों को लखनऊ से दिल्ली ले गई सीबीआई, इस मामले में होगी पूछताछ
लखनऊ, अमृत विचार। उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड के कर्मचारियों के पीएफ घोटाले मामले में लखनऊ जेल में कैद कपिल वधावन और धीरज वधावन को सीबीआई की टीम दिल्ली लेकर गई। जहां पर दोनों से पीएफ घोटाले से संबंधित गहन पूछताछ की जाएगी। इससे पहले इनको 26 मई को पुलिस रिमांड में लिया गया था। …
लखनऊ, अमृत विचार। उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड के कर्मचारियों के पीएफ घोटाले मामले में लखनऊ जेल में कैद कपिल वधावन और धीरज वधावन को सीबीआई की टीम दिल्ली लेकर गई। जहां पर दोनों से पीएफ घोटाले से संबंधित गहन पूछताछ की जाएगी। इससे पहले इनको 26 मई को पुलिस रिमांड में लिया गया था। कर्मचारियों के पीएफ मद का 2,267 करोड़ रुपए इस घोटाले में डूब गया है।
दरअसल, 21 अप्रैल, 2014 को उत्तर प्रदेश स्टेट पावर सेक्टर एम्पलाइज ट्रस्ट के बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की बैठक में कर्मचारियों के जीपीएफ और सीपीएफ का पैसा ज्यादा ब्याज देने वाले फाइनेंशियल कॉर्पोरेशन में लगाने का फैसला हुआ था। उस समय एमडी एपी मिश्रा थे। इसके बाद मार्च, 2017 से लेकर दिसंबर, 2018 तक तत्कालीन सचिव, ट्रस्ट पीके गुप्ता और निदेशक वित्त सुधांशु द्विवेदी की मंजूरी पर दीवान हाउसिंग फाइनैंस कॉर्पोरेशन (डीएचएफएल) में निवेश किया जाता रहा।
जबकि, इन दोनों अधिकारियों को पता था कि डीएचएफएल वाणिज्यिक बैंक की श्रेणी में नहीं आता है। उसके बाद मुख्यमंत्री ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दिया था। मामला 10 जुलाई 2019 को एक गुमनाम शिकायत मिलने के बाद सामने आया। कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष आलोक कुमार ने 12 जुलाई को मामले की जांच के लिए एक समिति गठित की थी। 29 अगस्त को समिति ने जांच रिपोर्ट दी तो खुलासा हुआ कि कर्मचारियों के भविष्य निधि में करीब 2,268 करोड़ की गड़बड़ी की गई है।
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