अयोध्या: तदर्थ शिक्षकों पर निर्णय न होने के कारण फंसा है वेतन, दो महीने से परेशान हैं सबके परिवार

अयोध्या: तदर्थ शिक्षकों पर निर्णय न होने के कारण फंसा है वेतन, दो महीने से परेशान हैं सबके परिवार

अयोध्या। जिले के करीब 47 माध्यमिक कॉलेजों के 3 हजार शिक्षक और कर्मचारी संकट में फंसे हुए हैं। इन शिक्षकों और कर्मचारियों को मई-जून से वेतन नहीं मिल सका है, जिसके कारण अब इनके समक्ष आर्थिक संकट गहरा गया है। इसकी सबसे बड़ी वजह तदर्थ शिक्षकों को लेकर अब तक शासन की ओर से कोई …

अयोध्या। जिले के करीब 47 माध्यमिक कॉलेजों के 3 हजार शिक्षक और कर्मचारी संकट में फंसे हुए हैं। इन शिक्षकों और कर्मचारियों को मई-जून से वेतन नहीं मिल सका है, जिसके कारण अब इनके समक्ष आर्थिक संकट गहरा गया है।

इसकी सबसे बड़ी वजह तदर्थ शिक्षकों को लेकर अब तक शासन की ओर से कोई निर्णय का न आना है। तदर्थ शिक्षकों के बारे में अभी तक कोई मार्गदर्शन न मिलने से माध्यमिक शिक्षा विभाग हाथ पर हाथ धरे बैठा हुआ है, जिसके चलते एडेड कॉलेजों में पढ़ाने और कार्य करने वाले शिक्षक और कर्मचारी भी प्रभावित हैं। माध्यमिक शिक्षा विभाग के अधीन जिले में करीब दो सौ से ऊपर एडेड विद्यालय हैं, जिनमें कई में तदर्थ शिक्षक भी तैनात है, जिसके चलते असमंजस की स्थिति बनी हुई है।

शिक्षक विनोद मिश्रा का कहना है कि मई और जून का वेतन न मिलने से अब संकट है। उन्होंने बताया कि जुलाई में भी संभावना नहीं दिख रही है जिसकी वजह से बैंक की किस्त तक नहीं चुका पा रहे हैं। स्कूल खुल गए हैं बच्चों की फीस आदि भी जमा होनी है। शिक्षक अमर चतुवेर्दी ने बताया कि वेतन के लिए कई बार डीआईओएस से कहा गया, लेकिन अभी तक कोई नतीजा सामने नहीं आया है।

एक माह तो काम चल गया, लेकिन दूसरे महीने चलाना मुश्किल हो गया है। नीलेश पाठक ने बताया कि वेतन न मिलने के कारण जून में होम लोन की किस्त अदायगी नहीं हो सकी। इतनी महंगाई में दो महीने से वेतन न मिलने के कारण घर चलाना भी मुश्किल हो गया है। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी अशोक कुमार का कहना है कि अगर इस महीने भी वेतन नहीं मिला तो उधारी बढ़ जायेगी। जैसे तैसे काम चल रहा है वह भी नहीं चलेगा।

तदर्थ शिक्षकों के कारण फंसा हुआ है वेतन

इन 47 कॉलेजों के शिक्षकों और कर्मचारियों के वेतन संकट के पीछे तदर्थ शिक्षकों की नियुक्ति का मामला जुड़ा हुआ है। बोर्ड की ओर से इन तदर्थ शिक्षकों की तैनाती को लेकर वेतन रोके जाने संबंधित आदेश है।

हालांकि अभी तदर्थ शिक्षकों की तैनाती और वेतन को लेकर शासन से कोई निर्णय नहीं आया है। जिन 47 कॉलेजों के शिक्षकों व कर्मियों का वेतन रुका है उनमें कुल 135 तदर्थ शिक्षक कार्यरत हैं, जिसके चलते 3 हजार शिक्षक-कर्मचारी भी प्रभावित हैं जिनका इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है।

शिक्षक संगठन ने जताया है आक्रोश

माध्यमिक शिक्षक संघ वर्मा गुट ने वर्तमान स्थिति को लेकर आक्रोश जताया है। संघ के मीडिया प्रभारी संजीव चतुवेर्दी ने बताया कि इस संबंध में दो तीन बार प्रतिनिधि मंडल डीआईओएस से मिला जा चुका है, जिसमें तदर्थ शिक्षकों के साथ अन्य शिक्षकों व कर्मियों का मामला भी उठाया गया है। उन्होंने बताया कि संघ ने मांग की है कि जल्द से जल्द इस संबध में निर्णय लेकर वेतन निर्गत किया जाए अन्यथा आन्दोलन होगा। उन्होंने कहा कि शासन ने पूरा मामला लटका रखा है जिससे भारी संख्या में शिक्षक व कर्मचारी प्रभावित हैं।

वर्जन-
तदर्थ शिक्षकों के बारे में मार्गदर्शन का न आने के कारण वेतन निर्गत नहीं किया जा सका है। शीघ्र ही निर्गत हो जायेगा।– वीरेश वर्मा – प्रभारी डीआईओएस, लेखाधिकारी, अयोध्या

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