बरेली: ई-रिक्शा चलाने लगे थे जरी कारीगर इमरान, ओएसओपी से मिली मदद

बरेली, अमृत विचार। केंद्र सरकार ने स्थानीय हस्तशिल्प को बढ़ावा देने के लिए ओएसओपी ( वन स्टेशन वन प्रोडक्ट ) योजना की शुरूआत की है। जिसके तहत देश के तमाम रेलवे स्टेशनों पर वहां के प्रचलित हस्तशिल्प उत्पादों के स्टाल लगाए जा रहे हैं। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर मुरादाबाद मंडल में मुरादाबाद जंक्शन पर इसकी …
बरेली, अमृत विचार। केंद्र सरकार ने स्थानीय हस्तशिल्प को बढ़ावा देने के लिए ओएसओपी ( वन स्टेशन वन प्रोडक्ट ) योजना की शुरूआत की है। जिसके तहत देश के तमाम रेलवे स्टेशनों पर वहां के प्रचलित हस्तशिल्प उत्पादों के स्टाल लगाए जा रहे हैं। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर मुरादाबाद मंडल में मुरादाबाद जंक्शन पर इसकी शुरूआत की गई थी।
बरेली जंक्शन पर ओएसओपी के तहत स्टाल लगाए जाने हैं। जिसमें जरी-जरदोजी, बैंबू क्राफ्ट, सुर्मा आदि के स्टाल शामिल हैं। जंक्शन पर पहले चरण में 15 दिन के लिए जरी कारीगर इमरान खान ने स्टाल लगाया है। हस्तशिल्पियों के लिए यह योजना कितनी कारगर हो सकती है इसका एक उदाहरण खुद इमरान हैं। जरी का काम ठप पड़ने के बाद वह दो साल से ई-रिक्शा चलाने को मजबूर थे। मगर अब ओएसओपी योजना को बड़ी राहत मान रहे हैं।
ब्रह्मपुरा निवासी इमरान ने बताया कि कुछ साल पहले तक उनके पास जरी का काम हुआ करता था। दिल्ली से आर्डर लाकर एक्सपोर्ट किए जाने वाले जरी के परिधान तैयार करते थे, लेकिन काम में नुकसान हुआ तो दिल्ली में रहकर कारीगरी करने लगे। काम कम हुआ तो धीरे-धीरे कारीगरी से भी घर का खर्च चलाना मुश्किल हो गया। साज-सज्जा के लिए हस्त शिल्प उत्पाद बनाने का भी काम किया, मगर कामयाबी हासिल नहीं हुई। कोरोना का संकट आया तो हालत और भी खस्ता हो गई।
मजबूर होकर उन्होंने ई-रिक्शा चलाना शुरू कर दिया। सवारियों को छोड़ने जंक्शन पर आने लगे। एक दिन सरकार की योजना का पोस्टर जंक्शन पर लगा देखा तो वाणिज्य विभाग के अधिकारियों से संपर्क किया। फिलहाल सभी कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद उन्हें जंक्शन पर स्टाल लगाने का मौका मिला है। इमरान कहते हैं कि सरकार इस तरह की योजनाओं को बढ़ावा दे रही है तो जाहिर तौर पर हम जैसे हस्तशिल्पियों को काफी मदद मिलेगी। अभी 15 दिन के लिए स्टाल मिला है। इसको आगे भी बढ़ाया जाना चाहिए ताकि बेहतर रोजगार का अवसर स्थायी तौर पर बना रहे।
मुरादाबाद रेल मंडल के 29 स्टेशनों पर ओएसओपी
मुरादाबाद रेल मंडल के 29 स्टेशनों पर वन स्टेशन वन प्रोडक्ट योजना की शुरूआत की गई है। भविष्य में इसे मंडल के सभी 121 स्टेशनों पर शुरू करने की तैयारी है। फिलहाल देहरादून, हरिद्वार, योगनगरी ऋषिकेश, ऋषिकेश, वीरभद्र, रुड़की, लक्सर, ज्वालापुर, नजीबाबाद, मुरादाबाद, रामपुर, कटघर, अमरोहा, बसी-किरतपुर, हापुड़, पिलखुआ, बरेली, आवंला, आंझी शाहाबाद, सीतापुर सिटी, शाहजहांपुर, पीताम्बरपुर, मीरानपुर कटरा, बालामऊ, संडीला, नैमिषारण्य, मिश्रिख तीर्थ, हरदोई और सफीपुर स्टेशन पर फिलहाल ओएसओपी के स्टाल लगाए गए हैं।
स्थानीय उत्पादों को देश-विदेश में मिलेगी पहचान
कई शहरों की पहचान वहां बनने वाले उत्पादों से भी होती है। लिहाजा स्थानीय विशेषता को देश दुनिया तक पहुंचाने की मंशा से भी इस योजना को शुरू किया गया है। मुरादाबाद में पीतल के बने उत्पाद, हरदोई स्टेशन पर खादी एवं हैंडलूम उत्पाद, सफीपुर स्टेशन पर मिट्टी के खिलौने, बरेली जंक्शन पर जरी-जरदोजी , देहरादून में उत्तराखंड टोपी ( ब्रह्मकमल टोपी) , हरिद्वार स्टेशन पर हैंडीक्राफ्ट, वूलन उत्पाद और शहद आदि के स्टाल लगाए गए हैं।
इस प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य मंडल में प्रसिद्ध क्षेत्रीय वस्तुओं, हस्तशिल्प, कलाकृतियों , पारंपरिक शिल्प एवं लघु उद्यमों व कला को समाज और आमजन तक पहुंचाना है। साथ ही देश -विदेश में प्रचार- प्रसार के जरिए रोजगार के अधिक से अधिक अवसर सृजित करना है। योजना के तहत स्टेशनों पर स्थानीय प्रचलन और वहां निर्मित होने वाले स्थानीय उत्पादों के स्टाल लगाए जा रहे हैं। -सुधीर सिंह, सीनियर डीसीएम, मुरादाबाद रेल मंडल।