देश-विदेश में बज रहा बाराबंकी के यकुति आम का डंका: डीएचओ

बाराबंकी। स्वर्गीय राजीव चौधरी पर्यावरण संरक्षण समिति द्वारा शहर स्थित मुग़ल दरबार में नवम आम प्रदर्शनी एवं संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें आम के 160 से अधिक प्रजातियां प्रदेश के अलग अलग जिलों से आम की बागवानी के शौकीन लोगों द्वारा लगाई गई। मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए साइंटिस्ट पंकज सिंह ने …
बाराबंकी। स्वर्गीय राजीव चौधरी पर्यावरण संरक्षण समिति द्वारा शहर स्थित मुग़ल दरबार में नवम आम प्रदर्शनी एवं संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें आम के 160 से अधिक प्रजातियां प्रदेश के अलग अलग जिलों से आम की बागवानी के शौकीन लोगों द्वारा लगाई गई। मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए साइंटिस्ट पंकज सिंह ने कहा यहां की मिट्टी और पानी में जादू है यहां के कास्तकारों को आगे आना चाहिए । जिले में आम की बागवानी लगातार बढ़ रही है।
उन्होंने कहां यहां बैठे एक-एक किसान पचास से सौ एकड़ के मालिक हैं। अगर सब मिलकर आम की बागवानी के बारे में सोच लें तो एक बहुत बड़ा क्षेत्र हम कवर कर लेंगे। उन्होंने परम्परा गत खेती के साथ नई तकनीक से आम की बागवानी के टिप्स भी लोगों को दिए। बतौर मुख्य वक्ता जिला उद्यान अधिकारी महेश चंद्र श्रीवास्तव ने बताया आज ज़िले में 12 हेक्टेयर में आम की बागवानी की जा रही है।दो विकास खंडों देवा और बंकी को प्रदेश के तेरह जिलों में आम की बागवानी और उसके प्रोत्साहन के लिए चुना गया है । यहां के युकुति आम तो देश-विदेश में जिले का डंका बजा रहे हैं।
प्रदर्शनी गुलाब खास, मल्लिका, हुश्नारा, मल्लिका, सेन्सिटियन, अम्बिका, टाम अतकिन, शरीफा मैन्गो, मुशीर पसन्द, देशी शुर्ख, फकीर लंगड़ा आदि आम लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र रहे। कार्यक्रम में मुख्य रूप से फव्वाद किदवई कार्यक्रम के आयोजक वह अध्यक्ष उमेर किदवई, आयोजक जतिन चौधरी, अनवर महबूब, आदिल हसन, सलाउद्दीन किदवई, राजनाथ शर्मा, बबलू शर्मा, विनय सिंह, अश्वनी शर्मा, फव्वारा किदवई सहित तमाम दर्शक मौजूद रहे।
न करें केमिकल का इस्तेमाल
आम तुड़ाई से पूर्व किसी भी प्रकार के केमिकल का प्रयोग नहीं करना चाहिए। जब फल पूर्ण आकार प्राप्त कर लेते हैं, तो आम के बाग को पानी देना बंद कर देना चाहिए । इससे आम के पकने की प्रक्रिया में तेजी आती है। फलों की तुड़ाई से तीन सप्ताह पूर्व थायोफेनेट मिथाइल 70 डब्ल्यूपी 1 ग्राम/लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करने से फल की तुड़ाई के उपरान्त होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है। आम की तुड़ाई हमेशा 8-10 सेमी लम्बी डंठल सहित करनी चाहिए।
यदि संभव हो तो तुड़ाई सिकेटियर की सहायता से करें। तुड़ाई किए फलों को सीधे मिट्टी के संपर्क में नहीं आने देना चाहिए फलों की तुड़ाई के बाद उसमें से रस का श्राव होता है। श्राव से फल खराब हो सकते हैं, अतः फलों को उल्टा रख कर स्राव से फलों को बचाना चाहिए। भंडारण से पूर्व फलों को धो लेना चाहिए।
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