मुरादाबाद : अपनों के इंतजार में पथराईं पीड़िता की आखें

मुरादाबाद, अमृत विचार। खून के रिश्ते ही जब दगाबाज निकलें तो दूसरे से मदद की उम्मीद बेमानी है। कुछ ऐसी ही परिस्थिति का सामना दुष्कर्म की शिकार एक नेपाली बेटी को भारत में करना पड़ रहा है। चौंकाने वाली बात है कि जिस नेपाली दूतावास से नाबालिग बेटी को राहत मिलने की बड़ी उम्मीद थी, …
मुरादाबाद, अमृत विचार। खून के रिश्ते ही जब दगाबाज निकलें तो दूसरे से मदद की उम्मीद बेमानी है। कुछ ऐसी ही परिस्थिति का सामना दुष्कर्म की शिकार एक नेपाली बेटी को भारत में करना पड़ रहा है। चौंकाने वाली बात है कि जिस नेपाली दूतावास से नाबालिग बेटी को राहत मिलने की बड़ी उम्मीद थी, वह भी दावों के इतर पीड़िता से दूरी बनाए हुए है।
बार-बार आश्वासन की घुट्टी पिलाकर पीड़िता व बाल कल्याण समिति को भ्रमित करने का प्रयास हो रहा है। नेपाली किशोरी के पुनर्वासन को लेकर न्यायपीठ ऊहापोह व असमंजस की शिकार है। पांच जून को हरथला स्टेशन के पास एक सुनसान मकान में सिविल लाइंस पुलिस ने छापेमारी की। मौके से ऑटो चालक व नेपाली किशोरी बरामद हुई। पड़ोसियों को पता चला कि किशोरी को पांच दिनों तक बंधक बना ऑटो चालक ने दुष्कर्म किया है।
सिविल लाइंस पुलिस ने बाल कल्याण समिति के पाले में कानूनी कार्रवाई की गेंद फेंकी। दूसरे ही दिन किशोरी ने कलमबद्ध बयान दर्ज कराते हुए चार लोगों पर दुष्कर्म का आरोप लगाया। किशोरी के हैरतअंगेज दावे से न्यायपीठ सन्न रह गई। समिति ने रामपुर के रहने वाले इमरान व उसके छोटे भाई के साथ ही दिल्ली के रहने वाले असलम और चक्कर की मिलक के रहने वाले नाजिम के खिलाफ पोक्सो एक्ट के तहत अभियोग दर्ज कराया। अब सवाल किशोरी के पुनर्वासन का है। मानव तस्करी की शिकार किशोरी फिलहाल वन स्टॉप सेंटर में है।
पुनर्वासन को लेकर चिंतित सीडब्ल्यूसी नेपाली दूतावास के संपर्क में तो है, लेकिन दूतावास के अधिकारी पूरे प्रकरण पर लापरवाह बने हुए हैं। सीडब्ल्यूसी के सदस्य हरिमोहन गुप्ता के मुताबिक नेपाली दूतावास के अधिकारी पीड़िता के परिजनों की तलाश पूरी होने का दावा तो कर रहे। लेकिन नेपाली मूल के किसी भी अधिकारी या पीड़िता के परिजनों के मुरादाबाद पहुंचने की तय तिथि बता पाने में विफल हैं। ऐसे में दुष्कर्म पीड़ित किशोरी के इंतजार की घड़ियां बढ़ती जा रही हैं। समय के साथ नेपाली किशोरी के लखनऊ बालिका गृह भेजे जाने की संभावना भी बढ़ती जा रही है। पीड़िता के परिजनों ने यदि पूरी तरह अपनी ही बेटी से मुंह मोड़ लिया तो नेपाली किशोरी के सामने भारत में ठहरने के सिवाय और कोई विकल्प नहीं होगा। पीड़िता लखनऊ बालिका गृह भेज दी जाएगी।
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