बाराबंकी: श्रद्धा पूर्वक मनाया गया गंगा दशहरा और मां गायत्री का अवतरण दिवस

अमृत विचार बाराबंकी। जनपद की समस्त गायत्री शक्तिपीठों में आज बड़ी संख्या में लोगों ने गंगा दशहरा, मां गायत्री अवतरण दिवस व आचार्य पंडित श्री राम शर्मा का आध्यात्मिक जन्म दिवस एवं महापरिनिर्वाण दिवस को पूजा-पाठ और धार्मिक अनुष्ठान के साथ मनाया। यह पर्व जेष्ठ माह की शुक्ल पक्ष की दशमी को मनाया जाता है। …
अमृत विचार बाराबंकी। जनपद की समस्त गायत्री शक्तिपीठों में आज बड़ी संख्या में लोगों ने गंगा दशहरा, मां गायत्री अवतरण दिवस व आचार्य पंडित श्री राम शर्मा का आध्यात्मिक जन्म दिवस एवं महापरिनिर्वाण दिवस को पूजा-पाठ और धार्मिक अनुष्ठान के साथ मनाया। यह पर्व जेष्ठ माह की शुक्ल पक्ष की दशमी को मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन माता गंगा धरती पर अवतरित हुई थी।
आज के दिन गंगा नदी में स्नान ध्यान करने से व्यक्ति को सभी समस्याओं और पापों से मुक्ति मिल जाती है। मान्यताओं की मानें तो इस दिन मां गंगा का “पृथ्वी लोक पर अवतरण हुआ था। तभी से शास्त्रों में इस दिन का गंगा दशहरा के रूप में विशेष महत्व है।
जिसको लेकर रामनगर के गणेशपुर में बने प्रसिद्ध ललिता माता मंदिर व शहर के सत्यप्रेमी नगर के दूधेश्वर मंदिर में महिलाओं ने पहुंचकर मां गायत्री की विधिवत पूजा अर्चना की। इस मौके पर जिले की मुख्य गायत्री शक्तिपीठ के ट्रस्टी ओपी शर्मा ने बताया कि जिले के सभी गायत्री शक्तिपीठों व गायत्री परिवार के परिजन अपने-अपने घरों में हवन व दीप यज्ञ के माध्यम से गायत्री जयंती मना रहे हैं।
आज के ही दिन वर्ष 1926 में गायत्री परिवार के आचार्य श्रीराम शर्मा ने अज्ञान रूपी अंधेरे को खत्म करने के लिए माता गायत्री के सामने एक अखंड दीपक स्थापित किया था। जो आज भी अपने सदज्ञान रूपी प्रकाश से हम सभी को पुलकित कर रहा है। रामसनेहीघाट तहसील मुख्यालय स्थित गायत्री परिवार ट्रस्ट ने इस मौके पर पंच कुंडीय गायत्री महायज्ञ एवं दीप महायज्ञ का आयोजन किया।
इसमें देव संस्कृति विश्वविद्यालय शांतिकुंज हरिद्वार से इंटर्नशिप के लिए क्षेत्र भ्रमण पर आई धर्म विज्ञान की छात्रा अंजलि तिपाठी एवं अनुपमा दीक्षित ने यज्ञ विधि विधान से संपन्न कराया। इस दौरान गायत्री शक्तिपीठ रामसनेहीघाट के मुख्य ट्सटी डॉ शिवाकांत त्रिपाठी ने बताया कि गायत्री परमात्मा की वह इच्छाशक्ति है, जिसके कारण सारी सृष्टि का संचालन हो रहा है।
छोटे से परिमाण से लेकर पूरे विश्व ब्रम्हांड तक, नदी पर्वतों से लेकर पृथ्वी व चांद सूर्य तक सभी उसी शक्ति के प्रभाव से गतिशील है, वृक्ष वनस्पतियों में जीवन की तरंगे उसी के कारण उठ रही हैं अन्य प्राणियों में उसका उतना ही अंश मौजूद है। आज गायत्री जयंती के साथ-साथ गायत्री परिवार के संस्थापक आचार्य पंडित श्री राम शर्मा का आध्यात्मिक जन्म दिवस एवं महापरिनिर्वाण दिवस भी है। जिसके चलते आज एक दुर्लभ संयोग बन रहा है।
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