बरेली: बिना प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र के फर्राटा भर रहे 47893 सरकारी वाहन

अमृत विचार, बरेली। केंद्रीय मोटरयान नियमावली 1989 के नियम-115 में प्रदूषण के मानक निर्धारित किए गए हैं। इसके साथ ही नियम-115(7) में यह प्राविधान किया है कि पंजीयन के एक वर्ष बाद प्रत्येक वाहन पर प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र रखा जाएगा, लेकिन निजी वाहनों पर यह नियम सख्ती से लागू किया जा रहा है। जिस …
अमृत विचार, बरेली। केंद्रीय मोटरयान नियमावली 1989 के नियम-115 में प्रदूषण के मानक निर्धारित किए गए हैं। इसके साथ ही नियम-115(7) में यह प्राविधान किया है कि पंजीयन के एक वर्ष बाद प्रत्येक वाहन पर प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र रखा जाएगा, लेकिन निजी वाहनों पर यह नियम सख्ती से लागू किया जा रहा है। जिस निजी वाहन चालक के पास प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र नहीं होता है तो उसको मोटा जुर्माना भी भरना पड़ता है लेकिन सरकारी वाहनों पर दोनों नियम लागू नहीं हैं।
यही वजह है कि बिन प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र के बरेली समेत सभी जनपदों में सरकारी वाहन सड़कों पर फर्राटा भर रहे हैं। आंकड़ों के अनुसार बरेली के करीब 750 सरकारी वाहनों को मिलाकर राज्य में 60965 सरकारी वाहन हैं। 26 मई को प्रमुख सचिव एल वैंकटेश्वर लू की ओर से जारी पत्र में इसका खुलासा हुआ है कि राज्य में 47893 सरकारी वाहन बिन प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र के दौड़ रहे हैं। पत्र में कहा गया है कि प्रत्येक जनपद में निजी क्षेत्र में प्रदूषण जांच केंद्र स्थापित हैं।
जहां वाहन के प्रदूषण की जांच कराकर प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र प्राप्त किया जा सकता है। पत्र के अनुसार परिवहन आयुक्त ने अवगत कराया है कि प्रदेश में 60965 सरकारी वाहनों में से मात्र 12972 वाहनों के प्रदूषण प्रमाण पत्र वैध हैं। पत्र में यह भी बताया कि राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक में मुख्यमंत्री द्वारा सड़क सुरक्षा के साथ प्रदूषण नियंत्रण की कार्रवाई को भी अभियान के रूप में संचालित करने के निर्देश दिए गए थे। समस्त विभागाध्यक्ष, डीएम-एसएसपी समेत अन्य अधिकारियों को निर्देश देते हुए प्रमुख सचिव ने कहा कि अपने नियंत्रणाधीन पंजीकृत सरकारी वाहनों के प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र बनवाकर 15 दिनों में रिपोर्ट दें।
डीएम और आरटीओ प्रवर्तन ने विभागों को जारी की चिट्ठी
बरेली के आरटीओ प्रवर्तन दिनेश कुमार ने बताया कि जनपद में 750 सरकारी वाहन हैं। इसमें 250 वाहनों का प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र अभियान चलाकर बनवाए हैं। इसके साथ डीएम और मेरे द्वारा सभी विभागों को पत्र जारी कर कहा गया है कि वे अपने सरकारी वाहनों का प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र बनवाकर उसकी रिपोर्ट तत्काल उपलब्ध कराए हैं। आरटीओ ने बताया कि जनपद में 100 से अधिक वाहन कंडम भी हैं जो विभिन्न विभागों में खड़े हुए हैं।
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