नैनीताल: कुमाऊं विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए राज्यपाल, बोले- ज्ञान, शिक्षा, अनुसंधान और परियोजनाएं समाज के काम आएं

नैनीताल: कुमाऊं विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए राज्यपाल, बोले- ज्ञान, शिक्षा, अनुसंधान और परियोजनाएं समाज के काम आएं

नैनीताल,अमृत विचार। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि) गुरमीत सिंह ने शुक्रवार को डीएसबी परिसर में आयोजित कुमाऊं विश्वविद्यालय के 17वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए बड़ी बात कही। राज्यपाल ने दीक्षांत समारोह में उपस्थित छात्र-छात्राओं से अपील की कि वे किसी भी क्षेत्र में कार्य करें किन्तु गांव में रहने वाली मातृशक्ति के जीवन को …

नैनीताल,अमृत विचार। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि) गुरमीत सिंह ने शुक्रवार को डीएसबी परिसर में आयोजित कुमाऊं विश्वविद्यालय के 17वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए बड़ी बात कही।

राज्यपाल ने दीक्षांत समारोह में उपस्थित छात्र-छात्राओं से अपील की कि वे किसी भी क्षेत्र में कार्य करें किन्तु गांव में रहने वाली मातृशक्ति के जीवन को उन्नत और सरल बनाने में अपना योगदान अवश्य दें। उन्होंने कहा कि शिक्षा का प्रयोग कक्षा के बाहर, गांव और खेत-खलिहानों तक हो इस दिशा में शिक्षा के स्वरूप को विकसित करना होगा। ज्ञान किताबों तक सीमित न रहे, शिक्षा कक्षाओं तक सीमित न रहे, अनुसंधान और परियोजनाएं केवल कागजों और फाइलों में सिमटकर न रह जाएं, अपितु ये सब कार्य लोगों की आजीविका और जीवन शैली को उन्नत, सरल व सुगम बनाने के काम आएं।

दीक्षांत समारोह को संबोधित करते राज्यपाल गुरमीत सिंह।

राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों की उपलब्धियों पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि शैक्षिक सेवाओं तथा अकादमिक उपलब्धियों के साथ-साथ विभिन्न राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा विश्वविद्यालय को रैंकिंग और अनेक उपलब्धियां, संतोष और प्रसन्नता के साथ-साथ एक नई आशा का भी संचार करती है।

उन्होंने कहा कि नैनीताल की सुंदरता पूरी दुनिया को आकर्षित करती है। यहां की झीलें प्रकृति के किसी सुंदर वरदान से कम नहीं हैं। एक विश्वविद्यालय के नाते प्रकृति के संरक्षण के साथ-साथ सफाई व पर्यटन गतिविधियों को एक साथ बढ़ाने का कार्य करें। इस दिशा में विश्वविद्यालय को शोध, अनुसंधान और कार्ययोजना तैयार करनी होगी, ताकि समृद्ध जैवविविधता और पर्यावरण की रक्षा हो सके और पर्यटकों के लिए सुविधा विकसित हो। उन्होंने कहा कि देवभूमि के प्रत्येक नागरिक की यह जिम्मेदारी है कि हम अपने प्रदेश को साफ-सुथरा व प्लास्टिक मुक्त करे।

विश्वगुरु के रूप में नेतृत्व करेगा भारत
राज्यपाल ने कहा कि आने वाला समय विश्वगुरू के रूप में भारत नेतृत्व करेगा। इसके लिए विद्यार्थियों को ज्ञानवान, परिश्रमी, मेधावी और चरित्रवान नागरिक के रूप में अपनी भूमिका का निर्वहन करना होगा।

उच्च शिक्षा मंत्री ने दीं 10 हजार किताबें
दीक्षांत समारोह के विशिष्ट अतिथि डॉ. धन सिंह रावत ने मेडल और उपाधि धारकों को बधाई दी। उन्होंने संबोधन में कहा कि प्रदेश में इसी वर्ष नई शिक्षा नीति लागू की जा रही है, जिसमें वेद, ज्योतिष, वैदिक गणित, उत्तराखण्ड का इतिहास, जसूली देवी का इतिहास सहित क्षेत्रीय भाषाओं के पाठ्यक्रम को सम्मिलित किया जायेगा। उच्च शिक्षा मंत्री ने विश्वविद्यालय के लिए 10 हजार नई किताबें देने की घोषणा की। साथ ही अवस्थापना से संबंधित जो भी कमियां हैं उन्हें दूर करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को गुणवत्तापरक शिक्षा मिले, इस ओर हर संभव प्रयास किये जायेंगे।

कुलपति ने किया प्रस्तुतिकरण
दीक्षांत समारोह में कुलपति प्रो. एन.के.जोशी ने विश्वविद्यालय द्वारा शिक्षा के साथ-साथ खेल के क्षेत्र और फैकेल्टी व एन.सी.सी की उपलब्धियों का प्रस्तुतीकरण किया। कुलसचिव दिनेश चन्द्रा ने उपस्थित अतिथियों का धन्यवाद व्यक्त किया।समारोह में राज्य की प्रथम महिला गुरमीत कौर, विधायक सरिता आर्य, जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पंकज भट्ट, डी.बी.एस परिसर के निदेशक प्रो. एल.एम.जोशी सहित कार्यपरिषद् व विद्यापरिषद् के सदस्य, डिग्री व मेडल प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।