बरेली: छात्राओं को बताया कूड़े से जैविक खाद बनाने की विधि

बरेली,अमृत विचार। घर से निकले कूड़े को हेय दृष्टि से न देखिए। कूड़े से कमाई भी हो सकती है। घर में सूखे और गीले कचरे को अलग -अलग करें और खाली स्थान में एक गड्डे में रसोई से निकले कूड़े को डालकर उसमें सूखे पत्ते और गोबर डालकर ढक दें। 20 दिन बाद जैविक खाद …
बरेली,अमृत विचार। घर से निकले कूड़े को हेय दृष्टि से न देखिए। कूड़े से कमाई भी हो सकती है। घर में सूखे और गीले कचरे को अलग -अलग करें और खाली स्थान में एक गड्डे में रसोई से निकले कूड़े को डालकर उसमें सूखे पत्ते और गोबर डालकर ढक दें। 20 दिन बाद जैविक खाद तैयार मिलेगी। इस खाद को आप चाहें तो खुद भी घर के बगीचे में प्रयोग कर सकते हैं या इसे बेच भी सकते हैं।
साहू राम स्वरूप महाविद्यालय में वैल्यू ऑफ वेस्ट विषय पर आयोजित कार्यशाला में यह बात सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट एक्सपर्ट आशीष कुमार चौहान ने कही। कचरा प्रबंधन के बारे में उन्होंने बताया किस प्रकार हम कचरे को अलग-अलग करके उसमें वैल्यू ऐड कर सकते हैं। कचरे को अलग-अलग करके उन्हें विभिन्न प्रकार के कार्यों में लिया जा सकता है जैसे गीले कचरे से जैविक खाद बनाई जा सकती है।
प्लास्टिक की बोतलों ,स्टेशनरी वेस्ट, सूखा कूड़ा ,गीला कूड़ा आदि को अलग करके रखना चाहिए। उन्होंने बताया कि सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग नहीं करना चाहिए। सब्जी, किराना आदि दुकानों पर मिलने वाले 75 माइक्रोन से कम के कैरी बैग ज्यादा खतरनाक होती हैं, क्योंकि इन्हें रीसाइकल करना काफी खर्चीला होता है।
प्राचार्य डा. अनुपमा मल्होत्रा ने छात्राओं को वेस्ट को वेल्थ की तरीके से बनाए जाने पर विचार व्यक्त किए। इस दौरान नगर निगम द्वारा महाविद्यालय में रखे गए कम्युनिटी कंपोस्टर मे किस प्रकार जैविक खाद बनाई जाए इस प्रक्रिया को आशीष चौहान द्वारा छात्राओं को बताया गया ।
कार्यक्रम के आयोजन में एनवायरनमेंट सेंसिबिलिटी सेल की डा. प्रतिभा पांडे, डा. प्रीति सिंह, डा. प्रीति वर्मा ,डा. रीना टंडन ने भरपूर सहयोग दिया। कार्यक्रम में महाविद्यालय की सभी वरिष्ठ शिक्षिकाएं डा. कनक लता ,डा. प्रीति पाठक , डा. ज्योति शर्मा, डा. सीमा सक्सेना, डा.प्रतिमा सिंह, डा.अनीता आदि उपस्थित रही । इस मौके पर एनएसएस ,एनसीसी ,रोवर एनएसएस ,एनसीसी ,रोवर भी रहे।