कोरोना संक्रमण के बीच UNICEF और WHO ने दी खसरे के बड़े प्रकोप की चेतावनी, 80 प्रतिशत की हुई वृद्धि
संयुक्त राष्ट्र। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय बाल आपातकालीन कोष (यूनिसेफ) ने खसरे को बड़े वैश्विक महामारी के रूप में फैलने की चेतावनी देते हुए कहा है कि पिछले साल की तुलना में इस वर्ष इसमें लगभग 80 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। संगठन ने कहा,”वैश्विक स्तर पर पिछले वर्ष के पहले …
संयुक्त राष्ट्र। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय बाल आपातकालीन कोष (यूनिसेफ) ने खसरे को बड़े वैश्विक महामारी के रूप में फैलने की चेतावनी देते हुए कहा है कि पिछले साल की तुलना में इस वर्ष इसमें लगभग 80 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। संगठन ने कहा,”वैश्विक स्तर पर पिछले वर्ष के पहले दो महीनों में सामने आए खसरे 9,665 मामलों की तुलना में 2022 के पहले दो महीने जनवरी और फरवरी में करीब 17,338 के मामले दर्ज हुए हैं। खसरा एक संक्रामक बीमारी है, जिसके टीकाकरण में कमी आने पर मामलों में वृद्धि होती है। संगठन को इस बात की भी चिंता है कि खसरे के प्रकोप से अन्य बीमारियां भी फैल सकती हैं।”
उन्होंने कहा कि पिछले 12 महीनों में दुनियाभर में 21 बड़े और विनाशकारी खसरे का प्रकोप सामने आया है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने कहा बुधवार को कहा,”कोविड 19 महामारी ने टीकाकरण अभियान में रुकावट पैदा कर दिया है, स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है और अब हम खसरे सहित अन्य घातक बीमारियों का फिर से प्रभाव देख रहे हैं। कई अन्य बीमारियों में भी टीकाकरण सेवाओं में इस तरह की रुकावट आने से इसका प्रभाव आने वाले दशकों तक दिखेगा।” सीएनएन के अनुसार अमेरिकी रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र ने पिछले हफ्ते प्रकाशित डेटा में कहा है कि किंडरगार्टन के छात्रों में खसरा टीकाकरण 2020-2021 स्कूल वर्ष में 93.6 प्रतिशत तक गिर गया।
सीडीसी के टीकाकरण सेवा प्रभाग के उप निदेशक डॉ शैनन स्टोकली ने टीकाकरण डेटा जारी करने के बारे में कहा,”टीकाकरण में अनियमितता पर हम चिंतित हैं, इस कारण से बच्चों को खसरा और काली खांसी जैसी बीमारी अपने चपेट में ले सकते हैं, जो बेहद संक्रामक हैं और विशेष रूप से शिशुओं और छोटे बच्चों के लिए बहुत गंभीर हो सकते हैं।”
यूनिसेफ के कार्यकारी निदेशक कैथरीन रसेल ने कहा,”यह उत्साहजनक है कि लोग अब सामाजिक गतिविधियों में लौटने के लिए कोविड-19 से सुरक्षित महसूस कर रहे हैं, लेकिन जहां बच्चों का नियमित टीकाकरण नहीं हुआ है, वहां खसरा जैसी बीमारी के प्रसार हो सकता है।”
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