बरेली: अप्रैल में जून का एहसास, लू के थपेड़े कर रहे बेहाल

बरेली,अमृत विचार। अप्रैल में जून जैसी गर्मी पड़ रही है, जिसने लोगों का घर से निकला मुश्किल कर दिया है। धूप और लू के थपेड़ों से शरीर ही नहीं झुलस रहा, हलक भी सूख रहा है। सप्ताह भर के भीतर ही अधिकतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री सेल्सियस अधिक हो गया। नतीजतन बुधवार को यह …
बरेली,अमृत विचार। अप्रैल में जून जैसी गर्मी पड़ रही है, जिसने लोगों का घर से निकला मुश्किल कर दिया है। धूप और लू के थपेड़ों से शरीर ही नहीं झुलस रहा, हलक भी सूख रहा है। सप्ताह भर के भीतर ही अधिकतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री सेल्सियस अधिक हो गया। नतीजतन बुधवार को यह 40.8 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड हुआ।
न्यूनतम तापमान भी बढ़कर 22.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। पंतनगर यूनिवर्सिटी के मौसम वैज्ञानिक डा. आरके सिंह ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के न बनने से अभी बारिश की संभावना भी नहीं है। मई से पहले अधिकतम तापमान बढ़ने से लोगों को परेशानी हो सकती है। सप्ताह के अंत में 41 डिग्री तापमान पहुंच सकता है।
रसदार फल व जूस की बिक्री बढ़ी
गर्मी से इन दिनों हलक सूखने लगे हैं, इससे रसदार फलों की बिक्री बढ़ गई है। सड़कों पर संतरा, अंगूर, तरबूज, नारियल पानी, ककड़ी और खीरा आदि की बिक्री बढ़ गई है। फलों का जूस, गन्ने का रस, शिकंजी, लस्सी, जलजीरा आदि से भी लोग खूब गला तर करके गर्मी से बचाव का प्रयास करते दिख रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग ने जारी की एडवाइजरी
गर्मी के चलते लोग परेशान नजर आए हीट वेव यानी लू बढ़ने से उल्टी, दस्त, बेचैनी, बुखार, अत्यधिक पसीना, पेट व सिर दर्द, हाथ-पैरों में ऐंठन व त्वचा संबंधी समस्याएं बढ़ गई हैं। विशेषज्ञों के अनुसार 37 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान में शरीर वातावरणीय गर्मी को शोषित कर शरीर के तापमान को प्रभावित करने लगता है। उस समय धूप व हीट वेव से सन बर्न, हीट कैंप्स, हीट एक्जाशन व हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। रोगी की मृत्यु तक हो जाती है। वर्तमान में ऐसे ही हालात बनते दिख रहे हैं। हीट वेव से उत्पन्न स्वास्थ्य समस्या के लिए स्वास्थ्य विभाग ने जनसामान्य के लिए प्राथमिक उपचार के लिए एडवाइजरी जारी कर दी है।
सन बर्न: लक्षण- त्वचा में लालिमा तथा दर्द, सूजन, फफोले, बुखार व सिरदर्द
बचाव- साबुन का उपयोग करते हुए शावर आदि में स्नान कराएं, ताकि तेल से बंद रंध्र खुल जाएं और शरीर प्राकृतिक रूप से शीतल हो सके। यदि फफोले पाए जाते हैं तो सूखे विसंंक्रमित डेंसिंग का उपयोग करें और चिकित्सीय सलाह लें।
हीट कैंप्स: लक्षण- उदरीय, हाथ तथा पैर की मांसपेशियों में तकलीफ, देह ऐंठन (स्पाज्म), ज्यादा पसीना आना।
बचाव- पीड़ित व्यक्ति को ठंडे व छायादार स्थान पर ले जाएं। कैंपिंग मांसपेशियों पर दबाव डालें। ऐंठन से आराम के लिए हल्की मालिश करें। पानी की बूंद-बूंद पिलाएं। यदि जी मचले तो पानी देना बंद कर दें।