सभी सांसद और विधायक जनता के विश्वास का सम्मान करें- राज्यसभा सभापति नायडू

नई दिल्ली। राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने गुरुवार को सभी सांसदों व देश भर के विधायकों से जुनून के साथ बेहतर प्रदर्शन करने और नियमों व प्रक्रियाओं का ईमानदारी से पालने करने की अपील की और कहा कि उन्हें अपने-अपने सदनों में व्यवधान पैदा करने से बचना चाहिए। नायडू ने यह बात राज्यसभा …
नई दिल्ली। राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने गुरुवार को सभी सांसदों व देश भर के विधायकों से जुनून के साथ बेहतर प्रदर्शन करने और नियमों व प्रक्रियाओं का ईमानदारी से पालने करने की अपील की और कहा कि उन्हें अपने-अपने सदनों में व्यवधान पैदा करने से बचना चाहिए। नायडू ने यह बात राज्यसभा से सेवानिवृत्त हो रहे 72 सदस्यों को उच्च सदन में विदायी देते हुए कही।
करीब 19 राज्यों का प्रतिनिधित्व कर रहे इन सदस्यों का कार्यकाल मार्च से जुलाई के बीच पूरा होने जा रहा है। इस अवसर पर सभापति ने सांसदों व देश के सभी विधायकों से जनता के विश्वास का सम्मान करने की भी अपील की। सेवानिवृत्त हो रहे इन सदस्यों में इनमें कांग्रेस के ए के एंटनी, आनंद शर्मा, अंबिका सोनी, कपिल सिब्बल, भारतीय जनता पार्टी के सुरेश प्रभु, सुब्रमणियम स्वामी, बहुजन समाज पार्टी के सतीश चंद्र मिश्रा, शिवसेना के संजय राउत, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रफुल्ल पटेल आदि शामिल हैं।
सेवानिवृत्त हो रहे सदस्यों में निर्मला सीतारमण, पीयूष गोयल, मुख्तार अब्बास नकवी और आरसीपी सिंह जैसे मंत्री भी हैं। मनोनीत सदस्यों एम सी मैरीकॉम, स्वपन दासगुप्ता और नरेंद्र जाधव का भी कार्यकाल समाप्त हो रहा है। नायडू ने कहा कि जनता की उम्मीदें और आकांक्षाएं कानून व नीतियों के निर्माण में समाहित होती हैं, इसलिए सभी निर्वाचित प्रतिनिधियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे जनता की आकांक्षाओं को पूरा करें और उनकी उम्मीदों पर खरे उतरें।
उन्होंने इस बात पर चिंता जताई कि वर्ष 2017 के बाद राज्यसभा में हुए कामकाज का 35 प्रतिशत समय व्यवधान के कारण बर्बाद हुआ। सभापति ने कहा कि सेवानिवृत्त हो रहे सदस्यों के पास लंबा विधायी अनुभव है और सदन को उनके अनुभवों की कमी खलेगी। उन्होंने कहा कि बहुत कम ऐसा होता है कि एक साथ 72 सदस्य सेवानिवृत्त हो रहे हों।
उन्होंने बताया कि ये 72 सदस्य 19 राज्यों का प्रतिनिधित्व करते हैं। इनमें से सात मनोनीत सदस्य हैं। नायडू ने सेवानिवृत्त हो रहे कुछ सदस्यों के कार्यकाल की सराहना भी की। संसद की विभिन्न समितियों के अध्यक्ष के नाते बेहतर काम करने वाले सदस्यों की भी उन्होंने प्रशंसा की।
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