जी-सोनी के विलय का इनवेस्को ने किया समर्थन, ईजीएम बुलाने पर नहीं देगी जोर

जी-सोनी के विलय का इनवेस्को ने किया समर्थन, ईजीएम बुलाने पर नहीं देगी जोर

नई दिल्ली। जी एंटरटेनमेंट की सबसे बड़ी शेयरधारक इनवेस्को डेवलपिंग मार्केट्स फंड ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह जी-सोनी विलय सौदे का समर्थन करेगी। निवेश कंपनी ने जी लि. के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) पुनीत गोयनका को पद से हटाने को लेकर कंपनी के शेयरधारकों की आसाधारण बैठक (ईजीएम) बुलाने पर जोर …

नई दिल्ली। जी एंटरटेनमेंट की सबसे बड़ी शेयरधारक इनवेस्को डेवलपिंग मार्केट्स फंड ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह जी-सोनी विलय सौदे का समर्थन करेगी। निवेश कंपनी ने जी लि. के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) पुनीत गोयनका को पद से हटाने को लेकर कंपनी के शेयरधारकों की आसाधारण बैठक (ईजीएम) बुलाने पर जोर नहीं देने का भी निर्णय किया है।

कंपनी ने कहा कि वह जी और सोनी के विलय का समर्थन करेगी क्योंकि यह सौदा जी के शेयरधारकों के हित में है। लेकिन साथ ही उसने कहा कि अगर इसे मौजूदा प्रस्ताव के अनुसार पूरा नहीं किया गया, तो इनवेस्को नये सिरे से ईजीएम बुलाने का अधिकार रखती है।

बंबई उच्च न्यायालय द्वारा इनवेस्को के ईजीएम बुलाने के अधिकार को वैध ठहराने के दो दिन बाद निवेश कंपनी ने एक बयान में कहा कि जी ने सोनी के साथ विलय समझौते किया। हमने ईजीएम बुलाने और छह स्वतंत्र निदेशकों को शामिल करने की मंशा की घोषणा की थी।

साथ ही कहा कि हमारा मानना है कि यह सौदा मौजूदा स्वरूप में जी शेयरधारकों के लिये काफी अच्छा है। हमारा विचार है कि विलय के बाद, नई संयुक्त कंपनी के निदेशक मंडल (बोर्ड) का पुनर्गठन किया जाएगा। इसके जरिये कंपनी के कामकाज पर नजर रखने को बोर्ड को मजबूत बनाने का हमारा लक्ष्य पूरा हो जाएगा। इन चीजों को देखते हुए, हमने ईजीएम बुलाने की मांग को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया है।

कंपनी ने ईजीएम बुलाने की मांग 11 सितंबर, 2021 को की थी। इनवेस्को ने कहा कि वह प्रस्तावित विलय पर नजर रखेगी। अगर विलय मौजूदा प्रस्ताव के अनुसार पूरा नहीं होता है, इनवेस्को ईजीएम बुलाने का अपना अधिकार रखती है।

उल्लेखनीय है कि पिछले साल सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (एसपीएनआई) और जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (जी लि.) ने विलय को लेकर पक्के समझौतों पर हस्ताक्षर किये थे। उस समय इनवेस्को ने ओएफआई ग्लोबल चाइना फंड एलएलसी के साथ मिलकर सौदे का विरोध किया था। इन दोनों कंपनियों की जी लि. में 17.9 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

 

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