पीलीभीत: अमरिया में वन्यजीवों की मौत के छठे दिन भी नहीं मिला सुराग

पीलीभीत: अमरिया में वन्यजीवों की मौत के छठे दिन भी नहीं मिला सुराग

पीलीभीत, अमृत विचार। तीन दिन पहले अमरिया क्षेत्र के अलग-अलग श्रेणी के करीब 12 वन्यजीवों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। उनके शव नहर किनारे एक गड्ढे में पड़े मिले। सूचना पर पहुंची सामाजिक वानिकी की टीम ने शव को कब्जे में लेकर उन्हें पोस्टमार्टम के लिए आईवीआरआई बरेली भेजा था। लेकिन तीन …

पीलीभीत, अमृत विचार। तीन दिन पहले अमरिया क्षेत्र के अलग-अलग श्रेणी के करीब 12 वन्यजीवों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। उनके शव नहर किनारे एक गड्ढे में पड़े मिले। सूचना पर पहुंची सामाजिक वानिकी की टीम ने शव को कब्जे में लेकर उन्हें पोस्टमार्टम के लिए आईवीआरआई बरेली भेजा था। लेकिन तीन दिन बीतने के बाद भी वन्यजीवों की मौत का राज नहीं खुल सका है। न ही विभाग की ओर से कोई प्रयास किया जा रहा है।

अमरिया क्षेत्र में आबादी के बीच बढ़ी संख्या में बाघ, तेंदुआ, हिरन पाड़ा, चीतल और मोर रहते हैं। अधिकतर वन्यजीवों ने खेतों को ही अपना ठिकाना बना रखा है। इसके चलते अवैध शिकार की भी घटनाएं तेज हो गईं हैं। बीते दिन 15 और 16 मार्च को दियूनी डैम के पास एक गड्ढे में नौ सुअर, एक चीतल और राष्ट्रीय पशु मोर के दो शव संदिग्ध परिस्थितियों में पड़े मिले थे। वन विभाग की टीम ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए आईवीआरआई तो जरूर भेज दिया था, लेकिन उनकी मौत कैसे हुई?

इसे जाने के लिए कोई भी कदम नहीं उठाया गया। जबकि वनकर्मी खुद शिकारियों के गिरोह की क्षेत्र में सक्रिय होने की बात कह रहे हैं। वन्यजीवों की निगरानी के नाम पर औपचारिकता निभाई जा रही है। इसलिए छह दिन बाद भी वन विभाग को कोई क्लू नहीं मिल सका है। घटना के बाद भी क्षेत्र में कोई गश्त नहीं कराई जा रही है। अफसरों का तर्क है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत की स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। डीएफओ संजीव कुमार ने बताया कि अभी पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं मिल सकी है।

घटना के बाद से टीमों को अलर्ट कर दिया है। किसी भी तरह की सूचना मिलने पर मौके पर भेजकर पड़ताल कराई जाती है। वन्यजीवों की मौत को लेकर भी छानबीन चल रही है।