बरेली: सालों से बदहाल पड़ा है बरेली का पहला हॉकी ग्राउंड

बरेली,अमृत विचार। आजादी के पहले बने बरेली के पहले हॉकी ग्राउंड की दशा बेहद खराब हो गई है। करीब एक दशक से यहां के मैदान में किसी खिलाड़ी ने कोई गोल नहीं किया। कालेज प्रबंधन की लापरवाही के चलते ग्राउंड में बड़ी-बड़ी घास उग आई है। यहां तक की ग्राउंड में बनी सीढ़िया भी टूट …
बरेली,अमृत विचार। आजादी के पहले बने बरेली के पहले हॉकी ग्राउंड की दशा बेहद खराब हो गई है। करीब एक दशक से यहां के मैदान में किसी खिलाड़ी ने कोई गोल नहीं किया। कालेज प्रबंधन की लापरवाही के चलते ग्राउंड में बड़ी-बड़ी घास उग आई है। यहां तक की ग्राउंड में बनी सीढ़िया भी टूट गई हैं। कालेज के खिलाड़ी भी हॉकी ग्राउंड होने के बावजूद भी फुटबॉल मैदान में ट्रायल करते हैं।
बरेली कॉलेज में प्रतियोगिताओं के लिए ट्रायल तो शुरू हो गए हैं लेकिन इससे पहले खराब पड़े खेल मैदान की हालत सुधारने के लिए कुछ नहीं किया गया है। बरेली कॉलेज में हॉकी के ट्रायल में भाग लेने वाले खिलाड़ियों का कहना था कि फुटबॉल मैदान पर ट्रायल कराए गए थे। उन्हें ट्रायल में काफी मुश्किल उठानी पड़ी।
राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इस मैदान से निकले खिलाड़ी
वर्ष 1932 में बरेली कॉलेज के प्राचार्य विलियम ओवेन्स ने खेल गतिविधियों को बेहतर करने के उद्देश्य से इस हॉकी ग्राउंड का निर्माण कराया था। बरेली कॉलेज के इतिहास के अनुसार वर्ष 1936 में मेजर ध्यानचंद समेत 11 ओलंपिक पदक खिलाड़ियों ने इस मैदान पर अपना जलवा बिखेरा था। बरेली कॉलेज के कई खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश के साथ ही बरेली का नाम भी ऊंचा किया।