लखनऊ: -2 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान में 2 दिन तक फंसे रहे अलग-अलग देशों के 500 छात्र, यूक्रेन से वापस आयी छात्रा ने सुनाई आपबीती

लखनऊ। रूस तथा यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध में फंसे भारतीय छात्रों का स्वदेश लौटना जारी है,इनमें ज्यादातर वह छात्र हैं जो यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे थे। उत्तर प्रदेश के भी कई छात्र वहां फंसे हुए हैं,उनमें से कई छात्र वापस अपने घर भी पहुंच रहे हैं,इन्हीं में से लखनऊ की …
लखनऊ। रूस तथा यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध में फंसे भारतीय छात्रों का स्वदेश लौटना जारी है,इनमें ज्यादातर वह छात्र हैं जो यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे थे। उत्तर प्रदेश के भी कई छात्र वहां फंसे हुए हैं,उनमें से कई छात्र वापस अपने घर भी पहुंच रहे हैं,इन्हीं में से लखनऊ की एक छात्रा अमूल्या यदुवंशी भी है।
जो यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही थी, युद्ध से हालात बिगड़े तो वह कई दिनों का खतरनाक व तनावपूर्ण सफर कर अपने घर पहुंची। जैसे ही अमूल्या अपने परिवार वालों से मिली उनकी आंखों में आंसू आ गए।
इधर अपनी बेटी को अपने सामने देखकर परिवार के लोग भी आंसू रोक नहीं पाए। परिवार से मिलते ही अमूल्या का पूरा कष्ट दूर होता दिखाई दिया। अमूल्या यदुवंशी ने यूक्रेन के हालातों पर विस्तार से बात की। अमूल्य ने बताया कि जैसे ही रूस और यूक्रेन के बीच तनाव बढ़ा वैसे ही भारत के नागरिकों की परेशानी भी बढ़ने लगी।

पांच किलोमीटर पैदल चलकर यूक्रेन के बॉर्डर पर पहुंचीं अमूल्या
अमूल्या बताती है कि जब वह यूक्रेन से निकली, तो उनके साथ कई छात्र थे, 5 किलोमीटर पैदल चलने के बाद वह यूक्रेन के बॉर्डर पर पहुंची। उस दौरान वहां पर करीब 500 से 600 छात्र इकट्ठा थे, यह सभी छात्र पाकिस्तान, अरब,नाइजीरिया समेत कई देशों के थे।
उन्होंने बताया कि जिस जगह पर हम लोग रुके थे। वहां पर एक पेट्रोल पंप था, रात के समय बर्फ गिर रही थी और तापमान -2 डिग्री के करीब था । खुले आसमान के नीचे इन्हीं हालातों में सभी छात्रों ने 2 दिन का वक्त गुजारा, इस दौरान कई बार प्रयास किया गया। लेकिन बॉर्डर पार नहीं कर पाए। जब हालात थोड़े ठीक हुए उसके बाद सभी छात्र रोमानिया पहुंचे। उन्होंने बताया कि रोमानिया पहुंचने के बाद स्थिति सामान्य हुई।
अमूल्या यदुवंशी के मुताबिक़ 1 दिन में 1200 छात्र 6 फ्लाइट से भारत लौटे हैं। अमूल्य यदुवंशी लखनऊ की रहने वाली है, उनके साथ लखनऊ तथा गोरखपुर के छात्र भी लौटे हैं।
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