सीतापुर: हैट्रिकबाज रामहेत और राही परिवार के सूरमा सुरेश के बीच सीधे मुकाबले के आसार

सीतापुर। राजा विराट की नगरी कहे जाने वाले हरगांव विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं के मिजाज को भांपना आसान नहीं है। यहां के मतदाता लहर के साथ बहते आए हैं। कभी कांग्रेस का गढ़ रही इस सीट पर मौजूदा वक्त में सत्ताधारी दल भाजपा का कब्जा है। लेकिन इस बार के चुनाव में मुकाबला बेहद दिलचस्प …

सीतापुर। राजा विराट की नगरी कहे जाने वाले हरगांव विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं के मिजाज को भांपना आसान नहीं है। यहां के मतदाता लहर के साथ बहते आए हैं। कभी कांग्रेस का गढ़ रही इस सीट पर मौजूदा वक्त में सत्ताधारी दल भाजपा का कब्जा है। लेकिन इस बार के चुनाव में मुकाबला बेहद दिलचस्प है। इस बार यहां से भाजपा के टिकट पर पूर्व केंद्रीयमंत्री स्वर्गीय रामलाल राही के बेटे व मौजूदा विधायक सुरेश राही एकबार फिर चुनावी मैदान में है, वहीं इस सीट से जीत की हैट्रिक लगा चुके पूर्वमंत्री रामहेत भारती इस बार सपा से अपनी किस्मत आजमाने मैदान में उतरे हैं। रामहेत भारती यहां से तीन बार बसपा के टिकट से विधायक चुने गए और मंत्री भी बने थे।

अबकी बार हाथी की सवारी छोड़ वह साइकिल पर सवार हुए हैं। पूर्वमंत्री रामहेत भारती और भाजपा विधायक सुरेश राही के बीच कांटे की टक्कर मानी जा रही है। इस सुरक्षित सीट से जीत की हैट्रिक लगा चुके रामहेत भारती के पास पुराना तजुर्बा है, तो सुरेश राही परिवार की यह सीट विरासत रही है। यहां से दो बार सुरेश राही के पिता पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय रामलाल राही कांग्रेस के टिकट से विधायक रहे। वहीं सुरेश राही के सगे भाई रमेश राही भी यहां से सपा से विधायक रहे हैं। हालांकि अन्य दलों के उम्मीदवार भी चुनावी मैदान में ताल ठोंके हुए हैं। सभी अपनी जीत के दावे कर रहे हैं, लेकिन मुख्य मुकाबला रामहेत भारती व सुरेश राही के बीच माना जा रहा है। हालांकि आने वाले वक्त में चुनावी ऊंट किस करवट बैठता है यह हरगांव क्षेत्र की जनता ही तय करेगी।

यह हैं प्रमुख मुद्दे

हरगांव सुरक्षित विधान सभा क्षेत्र में मुख्य तौर पर बालिका इंटर कॉलेज, बालिका डिग्री कॉलेज, बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था, बिजली, यातायात सेवाएं, पर्यटन जैसे प्रमुख मुद्दे हैं। शिक्षा व्यवस्था और उच्च शिक्षा की व्यवस्था न होना इस क्षेत्र की समसे बड़ी समस्या है।

कब कौन बना विधायक

  • 1952 – हरीश चंद्र अस्थाना – कांग्रेस
  • 1957 – हरीश चंद्र अस्थाना – कांग्रेस
  • 1962 – गणेशी लाल चौधरी – कांग्रेस
  • 1967 – सालिग राम – जनसंघ
  • 1969 – राम लाल राही – कांग्रेस
  • 1974 – राम लाल राही – कांग्रेस
  • 1977 – गोकरन प्रसाद – जनता पार्टी
  • 1980 – परागी लाल चौधरी – कांग्रेस
  • 1985 – परागी लाल चौधरी – कांग्रेस
  • 1989 – दौलत राम – भाजपा
  • 1991 – दौलत राम – भाजपा
  • 1993 – दौलत राम – भाजपा
  • 1996 – रामेश राही – सपा
  • 2002 – रामहेत भारती- बसपा
  • 2007 – रामहेत भारती – बसपा
  • 2012 – रामहेत भारती – बसपा
  • 2017- सुरेश राही     – भाजपा

जातीय मतदाता प्रतिशत में

– ब्राह्मण 14,  क्षत्रिय 9,  वैश्य व कायस्थ एक-एक,  पिछड़ा 24,  दलित 35,  मुस्लिम 15 और अन्य एक प्रतिशत।

  • मौजूदा मतदाता -पुरूष मतदाता – 1,65,705
  • महिला मतदाता – 1,44,429
  • कुल मतदाता – 3,10,157

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