राज्य गठन के बाद चम्पावत जिले में साल दर साल बढ़ रही है बेरोजगारी

राज्य गठन के बाद चम्पावत जिले में साल दर साल बढ़ रही है बेरोजगारी

देवेन्द्र चन्द देवा, अमृत विचार, चंपावत। उत्तराखंड राज्य गठन के बाद से जनपद चम्पावत में साल दर साल बेरोजगारों की संख्या में खासा इजाफा होता जा रहा है। चम्पावत जिले के चम्पावत और लोहाघाट सीट में बेरोजगारों की बाढ़ आ जाना वाकई चिंतनीय विषय है। अलबत्ता विगत पांच वर्षों के भीतर जिले में साढ़े तीन …

देवेन्द्र चन्द देवा, अमृत विचार, चंपावत। उत्तराखंड राज्य गठन के बाद से जनपद चम्पावत में साल दर साल बेरोजगारों की संख्या में खासा इजाफा होता जा रहा है। चम्पावत जिले के चम्पावत और लोहाघाट सीट में बेरोजगारों की बाढ़ आ जाना वाकई चिंतनीय विषय है।

अलबत्ता विगत पांच वर्षों के भीतर जिले में साढ़े तीन हजार और नए बेरोजगारों की संख्या बढ़ गई है। बेहद आकर्षक नारा है ‘ युवा प्रदेश युवा नेतृत्व…’ लेकिन 21 साल पार कर चुके इस सूबे के नौजवानों की जिंदगी नारे की तरह न आकर्षक है और नहीं उनकी उम्मीदों को पंख लगाने वाली।

रोजगार देने के हर सरकार के वादे के बीच नौजवान समय पर प्रतियोगी परीक्षा होने और उसके नतीजा आने का लंबा इंतजार कर रहे हैं। नेपाल सीमा से लगे चम्पावत जिले में नौजवानों के लिए नौकरी (चाहे सरकारी क्षेत्र में हो या निजी क्षेत्र में) ही अकेला सहारा है, लेकिन हाथ में काम न होने से बेहाल युवा हर चुनाव में सियासी दलों पर टकटकी लगा कर देखते हैं। लेकिन नतीजा सिफर, बस हर बार आश्वासन। चम्पावत जिले में ही जनवरी 2017 से जनवरी 2022 तक के पांच साल में साढ़े तीन हजार नए बेरोजगार जुड़ गए हैं।

सियासत का भविष्य तय करने वाले नौजवानों का भविष्य तय नहीं

चम्पावत। दो विधानसभा सीट वाले चम्पावत जिले में करीब 40 प्रतिशत नौजवान वोटर हैं। दोनों सीटों पर 18 से 39 वर्ष आयु समूह के करीब 40 प्रतिशत मतदाता हैं। 2,03256 वोटरों में से 79270 मतदाता युवा हैं। जिला सेवायोजन अधिकारी राजेश दुर्गापाल ने बताया कि चम्पावत जिले में इस साल जनवरी तक 25894 बेरोजगार हैं। जबकि पांच वर्ष पूर्व ये संख्या 22379 थे। इस दौरान लगे सेवायोजन शिविर में 789 लोगों को निजी क्षेत्र में काम मिल सका। इसमें बैंकों सहित कई संस्थाओं में सुरक्षा कर्मी के अलावा निजी क्षेत्रों में मामूली काम शामिल है।

आठ उच्च और तकनीकी शिक्षा के केंद्र खुले
चम्पावत। राज्य बनने के बाद चम्पावत जिले में कई नए संस्थान खुले। इस अवधि में टनकपुर में राजकीय इंजनीयिरिंग कॉलेज के अलावा दो राजकीय पॉलिटेक्निक खोले गए। साथ ही पांच राजकीय डिग्री कॉलेज भी खोले गए। शिक्षाविद कैलाश चंद्र लोहनी कहते हैं कि बेरोजगारी नौजवानों के साथ ही समाज की चिंता की लकीर बढ़ाती है। स्वरोजगार के प्रयास के बावजूद नौजवानों को रोजगार देना चुनौती है। काम नहीं मिलने से बेरोजगारों में कुंठा पैदा होती है। इसलिए तकनीकी, व्यावसायिक शिक्षा और रोजगारपरक पाठ्यक्रम बढ़ाए जाने चाहिए, ताकि स्वरोजगार के मौके बढ़ सकें।