बरेली: तो क्या गर्मियों में नसीब होंगे स्कूली बच्चों को स्वेटर व जूते-मोजे

बरेली, अमृत विचार। कई महीनों से परिषदीय स्कूलों के बच्चों को स्वेटर, जूते-मोजे, बैग व ड्रेस मुहैया कराने के लिए शासन स्तर से प्रयास किए जा रहे हैं, मगर विभागीय अफसर व कुछ शिक्षकों की ढिलाई के चलते शत प्रतिशत बच्चों का डाटा डीबीटी एप पर फीड नहीं हो सका है। शासन स्तर से कई …
बरेली, अमृत विचार। कई महीनों से परिषदीय स्कूलों के बच्चों को स्वेटर, जूते-मोजे, बैग व ड्रेस मुहैया कराने के लिए शासन स्तर से प्रयास किए जा रहे हैं, मगर विभागीय अफसर व कुछ शिक्षकों की ढिलाई के चलते शत प्रतिशत बच्चों का डाटा डीबीटी एप पर फीड नहीं हो सका है।
शासन स्तर से कई बार कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए जा चुके हैं, लेकिन ब्लॉकों में अभी तक 4438 बच्चों के अभिभावकों के खातों में डीबीटी के जरिए 11 सौ रुपये की धनराशि नहीं पहुंच पाई है। इन हालातों को देखकर लग रहा है कि सर्दी के बाद ही बच्चों को स्वेटर व जूते-मोजे मिल पाएंगे।
खातों में गड़बड़ी के कारण नहीं हो पा रहे सीडेड
विभागीय सूत्रों के अनुसार खाते सीडेड नहीं हो पा रहे हैं। कुछ सस्पेक्टेड खाते हैं। ऐसे खातों में गड़बड़ी के वजह से दिक्कत आ रही है। बीएसए विनय कुमार का कहना है कि इस संबंध में खंड शिक्षा अधिकारियों को जल्द से जल्द शत प्रतिशत बच्चों का डीबीटी कार्य पूरा करने के लिए कहा गया है। इस कार्य में लापरवाही पाए जाने पर संबंधित शिक्षक के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी।
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केस-1
क्यारा ब्लॉक के एक स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे के अभिभावक हरी प्रसाद का कहना है कि धनराशि के लिए स्कूल की ओर से मांगे गए सभी दस्तावेज कई माह पहले ही दे दिए गए हैं, लेकिन अभी तक खाते में रुपये नहीं आए हैं। इस संबंध में शिक्षकों से पूछने पर वह बैंक जाकर पता करने की राय देते हैं।
केस-2
दमखोदा ब्लॉक के अभिभावक आमिर अंसारी का कहना है कि खाता बंद की समस्या थी, जो अब दुरुस्त करा दिया गया है। स्कूल में भी नए दस्तावेज दे दिए गए हैं। कई बार स्कूल, बैंक और सीआरसी कार्यालय जाकर इस संबंध में शिकायत की जा चुकी है, लेकिन धनराशि अभी तक नहीं आई है।
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