लखनऊ: हाड़ कंपा देने वाली ठंड में 45 लाख मासूमों को अब तक नहीं मिला स्वेटर…

लखनऊ: हाड़ कंपा देने वाली ठंड में 45 लाख मासूमों को अब तक नहीं मिला स्वेटर…

लखनऊ। प्रदेश में हाड़ कंपा देने वाली ठंड के साथ शीत लहर का प्रकोप जारी है, लेकिन ​बेसिक शिक्षा परिषद में बैठे अधिकारियों की लापरवाही के चलते करीब 45 लाख उन गरीब मसूमों को स्वेटर नसीब नहीं हो सके, जो सरकारी विद्यालयों में पढ़ाई करते हैं। स्वेटर खरीदने के लिए अभिभावकों को नहीं मिला रुपया …

लखनऊ। प्रदेश में हाड़ कंपा देने वाली ठंड के साथ शीत लहर का प्रकोप जारी है, लेकिन ​बेसिक शिक्षा परिषद में बैठे अधिकारियों की लापरवाही के चलते करीब 45 लाख उन गरीब मसूमों को स्वेटर नसीब नहीं हो सके, जो सरकारी विद्यालयों में पढ़ाई करते हैं।

स्वेटर खरीदने के लिए अभिभावकों को नहीं मिला रुपया

मौजूदा हालात को देखते हुए अगर जनवरी माह में विद्यालय बंद न किए जाते तो बच्चों की स्थिति क्या होती इसका अंदाजा भी लगा पाना मुश्किल है। हालांकि 22 लाख बच्चों के लिए अभिभावकों को खाते में बजट भेजने की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है, लेकिन कब ये बजट मिलेगा और कब बच्चों के लिए स्वेटर खरीदे जायेंगे यह भी एक अहम सवाल है।

विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पहली बार अभिभावकों के खाते में डीबीटी के जारिए पैसा भेजने की योजना शुरू की गयी, इस स्थिति में सभी अभिभावकों का डाटा सत्यापित करने में समय लग गया है। बता दें कि प्रदेश सरकार ने पहली बार प्राथमिक विद्यालयों में पढऩे वाले बच्चों को मुफ्त दी जाने वाली सामग्री खरीदने का जिम्मा अभिभावकों को सौंपा है।

हर छात्र को 1100 रुपये उनके बैंक खाते में भेजने का निर्देश दिया गया था, इसी बजट में बच्चों के लिए स्वेटर, यूनिफॉर्म, जूता मोजा और स्कूल बैग खरीदना था, लेकिन अभी तक बजट न पहुंचने से करीब 45 लाख बच्चों को स्वेटर नसीब नहीं हुआ है।

अधिकारियों ने बतायी ये प्रक्रिया

विभागीय अधिकारियों का कहना है कि एक-एक अभिभावक और बच्चे का डाटा मिलान करने के बाद शिक्षकों के माध्यम से वेबसाइट पर अपलोड कराया जाना था, इसमें बैंक खाता संख्या और आधार संख्या बेहद जरूरी था। पूरे प्रदेश में एक करोड़ 84 लाख बच्चों की संख्या है। इस स्थिति में सभी के सत्यापन में समय लगा है, लेकिन अगली बार इस प्रक्रिया के तहत सभी बच्चों को आसानी से लाभ मिल जायेगा।

कड़ाके के ठंड के बीच शिक्षक आक्रोशित

वहीं दूसरी ओर कड़ाके की ठंड के बीच लगातार शिक्षकों को बुलाये जाने के कारण शिक्षकों ने नाराजगी जाहिर की है। इस संबंध में विभागीय अधिकारियों को शिक्षक संघों की ओर से ज्ञापन भी भेजे जा रह हैं। प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष विनय कुमार सिंह ने कहा कि विभाग अपनी जिम्मेदारी समय से निभा नहीं पाता है, और शिक्षकों को परेशान करने के लिए तमाम तरह के हथकंडे अपनाये जाते हैं।

जिन अभिभावकों के खाते में यूनिफॉर्म का बजट नहीं भेजा गया है, उनके खाते में तत्काल बजट भेजे जाने के निर्देश जिले स्तर पर दिए गये हैं। अगर कहीं लापरवाही होती है तो सख्त कार्रवाई की जायेगी।

-डॉ सर्वेन्द्र विक्रम बहादुर सिंह निदेशक बेसिक शिक्षा

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