रायबरेली: आवास योजना का लाभ न मिलने से ठंड में कांप रहे गरीब, ये रही वजह…

रायबरेलीः केंद्र सरकार व राज्य सरकार ने गरीबों के लिए अनेक महत्वाकांक्षी योजनाएं चलाईं, लेकिन प्रशासन द्वारा गरीबों को योजनाओं का लाभ नहीं दिया जा सका है। इसी का नतीजा है कि गांव में रह रहे गरीब परिवारों को आवास नहीं मिला है। ऐसे में गरीबों को कड़ाके की पड़ रही ठंड में झोपड़ी में …
रायबरेलीः केंद्र सरकार व राज्य सरकार ने गरीबों के लिए अनेक महत्वाकांक्षी योजनाएं चलाईं, लेकिन प्रशासन द्वारा गरीबों को योजनाओं का लाभ नहीं दिया जा सका है। इसी का नतीजा है कि गांव में रह रहे गरीब परिवारों को आवास नहीं मिला है। ऐसे में गरीबों को कड़ाके की पड़ रही ठंड में झोपड़ी में रहना पड़ रहा है। बताते हैं कि ग्राम प्रधान व ब्लॉक के कर्मचारियों ने आवास के नाम पर खूब बंदरबांट किया गया है।
आवास देने के लिए लाभार्थियों को देने पड़ रहे पैसे
गौरतलब है कि आवास के लिए जिस व्यक्ति ने पहले से पैसा दे रखा था। उसी को आवास दिया गया। डलमऊ ब्लॉक क्षेत्र के गांव में देखा जाए तो अधिकतर ग्राम सभाओं में यही हाल है। गरीब के पास घर पाने के लिए पहले पैसा देने की व्यवस्था नहीं होती, जिससे उनके नाम का आवास सक्षम लोगों से पैसा लेकर उनको आवास दे दिया जाता है।
यही आलम कड़ाके की पड़ रही ठंड में कंबल वितरण में किया गया, जिससे कड़ाके की पड़ रही ठंड में गरीब वनवास की भांति अपना जीवन यापन कर रहे हैं। यही हाल डलमऊ ब्लाक क्षेत्र के जोहवा नटकी गांव का है, जहां पर गांव निवासी शैलेंद्र पुत्र बुद्धी, अजय बाबू पुत्र रामसेवक, सरला पत्नी हरिकेश, रामकरण पुत्र बिंदादीन, चंदा देवी पत्नी चंद्रशेखर ग्राम सभा में और भी अनेक ग्रामीण हैं।
ये लोग गरीब मजदूर हैं, जिनको घर मिलना था, लेकिन मकान नहीं मिला। शायद ये ही कारण है कि ये लोग पिछले 10 वर्षों से अपना जीवन यापन झुग्गी झोपड़ी में करने पर मजबूर हैं। गांव के प्रधान बदलते रहे, लेकिन इनकी दशा नहीं बदली। इस बार कड़ाके की पड़ रही ठंड में इन गरीब मजदूरों को कंबल मिलना भी नसीब नहीं हुआ, जिससे इनका जीवन दुश्वार हो गया है।
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