लखनऊ: झलकारी बाई में जन्मा पहला नवजात हुआ कोरोना संक्रमित, केजीएमयू में चल रहा इलाज…
लखनऊ। राजधानी समेत प्रदेश के अलग-अलग जगहों पर रोज बढ़ रहे कोरोना संक्रमण से एक बार फिर लोगों में दहशत का माहौल बन गया है। बीते मंगलवार को लखनऊ में नवजात में कोरोना का पहला मामला सामने आया है। अभी तक इस सीजन में नवजात में संक्रमण का कोई केस नहीं पाया गया था। लखनऊ …
लखनऊ। राजधानी समेत प्रदेश के अलग-अलग जगहों पर रोज बढ़ रहे कोरोना संक्रमण से एक बार फिर लोगों में दहशत का माहौल बन गया है। बीते मंगलवार को लखनऊ में नवजात में कोरोना का पहला मामला सामने आया है। अभी तक इस सीजन में नवजात में संक्रमण का कोई केस नहीं पाया गया था।
लखनऊ के हजरतगंज स्थित झलकारी बाई महिला चिकित्सालय में जन में एक नवजात में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। इसके बाद नवजात और प्रसूता को लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के आरएलसी स्थित कोरोना हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है।
लखनऊ के वीरांगना झलकारी बाई महिला चिकित्सालय की वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर दीपा शर्मा ने बताया कि 9 जनवरी को इमरजेंसी में भर्ती हुई एक महिला का कोरोनावायरस का आरटीपीसीआर जांच का नमूना लिया गया था। डिलीवरी के बाद महिला की 10 जनवरी को कोरोनावायरस की रिपोर्ट में संक्रमण की पुष्टि हुई। इसके बाद जन्मे नवजात को सांस लेने में परेशानी होने लगी जिसके बाद उसकी भी कोरोनावायरस की जांच की गई।
मंगलवार को उसकी रिपोर्ट में संक्रमण की पुष्टि हुई है। इसके बाद तत्काल नवजात और प्रसूता को केजीएमयू के आरएलसी स्थित कोरोना अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। इन दोनों को वरिष्ठ डॉक्टरों की निगरानी में जच्चा बच्चा का इलाज दिया जा रहा है।
केजीएमयू में भर्ती नवजात की स्थिति के बारे में प्रवक्ता डॉक्टर सुधीर सिंह ने बताया कि नवजात को मुख्य रूप से पेरिनेटल एस्फीक्सिया की परेशानी है। डिलीवरी के समय ऑक्सीजन की प्रचुर उपलब्धता न होने पर जन्म लेने के बाद नवजात को सांस लेने में परेशानी होने लगती है। क्योंकि नवजात ओं में फेफड़े उतने विकसित नहीं होते। इसलिए यह समस्या अधिक रहती है। बच्चे को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है।
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