राजधानी के तालाबों से नहीं हटे अवैध कब्जे, रसूखदारों के आगे घुटने टेक रहे अधिकारी

लखनऊ। राजधानी के तालाबों को उनके पुराने स्वरूप में लाने की योगी सरकार की मुहिम पांच साल बाद भी परवान नहीं चढ़ पायी है। मुख्यमंत्री की सख्ती के बाद भी तहसीलों में तालाबों से अवैध कब्जे नहीं हटे हैं। राजधानी लखनऊ में ही पांचों तहसीलों में अभी तक 1598 तालाबों पर रसूखदारों का अवैध कब्जा …
लखनऊ। राजधानी के तालाबों को उनके पुराने स्वरूप में लाने की योगी सरकार की मुहिम पांच साल बाद भी परवान नहीं चढ़ पायी है। मुख्यमंत्री की सख्ती के बाद भी तहसीलों में तालाबों से अवैध कब्जे नहीं हटे हैं। राजधानी लखनऊ में ही पांचों तहसीलों में अभी तक 1598 तालाबों पर रसूखदारों का अवैध कब्जा है। जिसे खाली कराना तो दूर अधिकारी रसूखदारों के आगे घुटने टेक रहे हैं। कर्मचारियों एवं अधिकारियों की आगामी विधानसभा चुनाव में ड्यूटी का हवाला देकर तहसीलों के जिम्मेदार अधिकारियों ने अवैध कब्जे के विरूद्ध अभियान ही बंद कर दिया है।
यूपी में 2017 में भाजपा सरकार आने के बाद सरकारी जमीनों खासतौर पर तालाबों, बंजर, कब्रिस्तान और चरागाहों आदि से भू-माफियाओं के अवैध कब्जे हटाने का योगी सरकार ने दावा किया था। तालाबों को उनके मूल स्वरूप में लाने की योजना बनायी गयी थी। जिसके बाद तहसीलों में अभियान भी चलाया गया। कुछ भू माफियाओं पर ही कार्रवाई की गयी।
वहीं रसूखदारों के अवैध कब्जों पर कार्रवाई से अधिकारी पीछे हट गए। अभी भी पांचों तहसीलों में कुल 1598 तालाबों की 811.50 हेक्टेयर भूमि पर अवैध कब्जे हैं। सबसे अधिक 627 तालाबों पर मोहनलालगंज तहसील क्षेत्र में और दूसरे नंबर पर सदर तहसील है, जहां 568 तालाबों पर अवैध कब्जे हैं। सरोजनीनगर तहसील में 189, बीकेटी में 159 और मलिहाबाद तहसील में 55 तालाबों पर अवैध कब्जे हैं।
- तहसीलवार तालाबों पर अवैध कब्जे
- तहसील शेष कब्जों की संख्या भूमि हेक्टेयर में
- मोहनलालगंज 627 496.80
- सदर लखनऊ 568 174.72
- सरोजनीनगर 189 55.39
- बख्शी का तालाब 159 64.18
- मलिहाबाद 55 20.41
आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर अभी अभियान रुका है। मौका मिलते ही इसे फिर शुरु किया जाएगा…अमरपाल सिंह, अपर जिलाधिकारी प्रशासन।
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