बरेली: एसपी की हत्या की सूचना पर दौड़ी पुलिस, मोटर मैकेनिक और उसके शागिर्द की निकली शरारत

बरेली, अमृत विचार। पुलिस कंट्रोल रूम में फोन करके एसपी की हत्या होने की सूचना पर शहर भर की पुलिस में हलचल मच गई। काफी देर की भागदौड़ के बाद वह सिर्फ फर्जी सूचना की शरारत निकली तो पुलिस ने छानबीन शुरू कर दी। लोकेशन ट्रेस होने पर पुलिस ने एक किशोर को हिरासत में …
बरेली, अमृत विचार। पुलिस कंट्रोल रूम में फोन करके एसपी की हत्या होने की सूचना पर शहर भर की पुलिस में हलचल मच गई। काफी देर की भागदौड़ के बाद वह सिर्फ फर्जी सूचना की शरारत निकली तो पुलिस ने छानबीन शुरू कर दी। लोकेशन ट्रेस होने पर पुलिस ने एक किशोर को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो पूरा मामला सामने आ गया। पिछले छह माह से कंट्रोल रूम को फर्जी सूचनाएं देकर पुलिस को दौड़ाने का काम कर रहे मोटर मैकेनिक और उसकी दुकान पर काम करने वाले किशोर की हकीकत निकलकर आ गई। पुलिस के मुताबिक फर्जी कॉल प्रकरण में तीन लोग शामिल हैं, जिनमें से दो की तलाश पुलिस कर रही है।
पिछले करीब चार-पांच माह से शहर के हर थाने में लगातार फर्जी फोन कॉल पहुंच रही थीं। फोन कॉल पर बार-बार हत्या, चोरी, लूट व अन्य तरह के अपराधों के घटित होने की सूचनाएं दी जा रही थीं। हद तो तब हुई जब मंगलवार को एक फर्जी फोन कॉल ने बरेली से लेकर लखनऊ तक की पुलिस में हलचल मचा दी। मंगलवार की देर रात यूपी 112 पर अचानक एक फोन पहुंचा। फोन करने वाले ने बताया कि बरेली एसपी को गोली मार दी गई है। चार लोग घायल पड़े हैं। तत्काल एंबुलेंस सेवा भेजने की बात कही। सूचना पर बारादरी पुलिस इलाके में दौड़ी।
काफी देर की भागदौड़ के बाद यह सिर्फ एक अफवाह और किसी की शरारत निकली। बारादरी पुलिस फोन करने वाले की तलाश में लग गई और क्षेत्र के ही रहने वाले एक 18 वर्षीय किशोर को हिरासत में ले लिया। बारादरी इंस्पेक्टर नीरज मलिक ने बताया कि किशोर एक सरकारी स्कूल में कक्षा दस का छात्र है और जगतपुर स्थित एक मोटर मैकेनिक यूसुफ उर्फ भइये की दुकान पर काम सीखता था।
किशोर के मुताबिक दुकान मालिक के कहने पर ही वह पुलिस कंट्रोल रूम में फोन करके फर्जी सूचनाएं देता था। वहीं पुलिस ने जब मोटर मैकेनिक को पूछताछ के लिए बुलाया तो वह फरार हो गया। पुलिस इस मामले में किशोर समेत तीन लोगों के शामिल होने की बात कह रही है, जिनमें से यूसुफ और उसके तीसरे साथी की तलाश की जा रही है।
बीएसएनएल का सिम करते थे इस्तेमाल
पूछताछ में किशोर ने बताया कि दुकान मालिक मोटर मैकेनिक उसे सिम खरीदकर देता था और उसने एक फोन भी दिया हुआ था। उस फोन से केवल सिम डालकर पुलिस कंट्रोल को फर्जी सूचनाएं देने का काम किया जाता था। वहीं किशोर के मुताबिक मोटर मैकेनिक ज्यादातर बीएसएनएल के सिम का इस्तेमाल किया जा रहा था।
मामला खुलने के बाद पुलिस अब सभी नंबरों की जांच करते हुए जिन जगहों से सिम खरीदी गई थीं, उन दुकानों व दुकानदारों की तलाश में जुट गई है। पूछताछ में सामने आया कि मोटर मैकेनिक युसुफ ने छह माह में अलग-अलग नामों से 17 सिम कार्ड खरीदे हैं। जिनके माध्यम से फोन करके 100 से भी ज्यादा फर्जी सूचनाएं दी हैं।
आसपास के दुकानदारों के नाम से होती थी शिकायत
किशोर ने बताया कि जगतपुर में ही मास्टर माइंड मोटर मैकेनिक की दुकान है। वहीं पर वह काम सीखता था। बताया कि फोन कॉल करने के दौरान दुकान मालिक आसपास के दुकानदारों के नाम से शिकायतें करवाता था। इसकी वजह से आसपास के लोग परेशान भी होने लगे थे। वहीं दुकानदारों और स्थानीय लोगों को शक न हो इसके लिए कभी-कभी खुद के नाम से भी शिकायत करवाता था। पुलिस को सूचना देते समय अपना नाम व नंबर गुप्त रखने की बात कहते हुए पड़ोसियों का नंबर देकर जानकारी करने की बात कहते थे।
पुलिस देखने में आता था मजा
मामले की तह तक जाने के लिए पुलिस ने जब किशोर से यह सवाल किया कि मोटर मैकेनिक और वह यह काम क्यों करते थे ? तब पुलिस के मुताबिक किशोर ने बताया कि जब सूचना मिलने पर कई पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचते थे और आसपास के लोगों से पूछताछ करते थे, तब मजा आता था। और इसी के चलते दोनों लोग फर्जी कॉल करके पुलिस व लोगों को परेशान करने लगे। वहीं किशोर के मुताबिक फर्जी कॉल करने का विरोध करने पर मोटर मैकेनिक उसे धमकी भी देता था।
किशोर को अंतिम बार चेतावनी देते हुए परिजनों को सौंप दिया गया है, वहीं मुख्यारोपी युसुफ उर्फ भइये और फर्जी दस्तावेजों पर सिम बेचने और मुहैया कराने वाले की तलाश की जा रही है -नीरज मलिक, इंस्पेक्टर, बारादरी