लखीमपुर-खीरी: तो क्या अभी तक कोतवाली में था दलालों का बोलबाला?

लखीमपुर-खीरी: तो क्या अभी तक कोतवाली में था दलालों का बोलबाला?

लखीमपुर-खीरी, अमृत विचार। निजाम बदलते ही कोतवाली सदर का कामकाज और तौर तरीका भी अब बदलता दिख रहा है। नवागत शहर कोतवाल ने कोतवाली के मुख्य गेट पर पोस्टर चस्पा कर दलालों को कोतवाली परिसर में प्रवेश न करने की सख्त हिदायत दी है। पोस्टर लगने के बाद इस बात को बल मिल रहा है …

लखीमपुर-खीरी, अमृत विचार। निजाम बदलते ही कोतवाली सदर का कामकाज और तौर तरीका भी अब बदलता दिख रहा है। नवागत शहर कोतवाल ने कोतवाली के मुख्य गेट पर पोस्टर चस्पा कर दलालों को कोतवाली परिसर में प्रवेश न करने की सख्त हिदायत दी है। पोस्टर लगने के बाद इस बात को बल मिल रहा है कि इससे पहले कोतवाली में दलालों का बोलबाला था। इस पोस्टर के लगने से तमाम तरह की चर्चाएं भी शुरू हो गई हैं कि कोतवाल जिन्हें दलाल मान रहे हैं आखिर वह हैं कौन।

कोतवाल दलाल मुक्त कोतवाली बनाने में कितना सफल हो पाएंगे यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। शहर कोतवाली इन दिनों काफी चर्चा में थी। कई महीनों से लोग आने वाले फरियादियों को कोतवाली गेट पर ही रोक लेते थे। उनकी समस्या पूछने के बाद खुदी ही निस्तारण कराने का उनसे दावा भी करने से नहीं चूकते थे।

यह कथित लोग घालमेल करने के बाद संबंधित पक्ष को मुंह लगे पुलिसकर्मियों से मिलाकर कार्रवाई का झांसा देकर उनसे मोटी रकम भी वसूल लेते थे। एक-दो मामले जब पूर्व रहे प्रभारी निरीक्षकों के संज्ञान में आए तो उन्होंने फटकार लगाकर पीड़ितों के रुपये भी लौटाए थे। हाल ही में हटाए गए कोतवाली प्रभारी ने भी एक मामले में रुपये लौटाए थे। करीब पांच दिन पहले एसपी ने अरुण कुमार सिंह को नया शहर कोतवाल बनाया है। कोतवाल को दलालों का बोलबाला होने की जानकारी हुई तो वह एक्शन में आ गए।

उन्होंने गुरुवार को कोतवाली गेट पर दलालों का प्रवेश वर्जित का पोस्टर चस्पा कराया है। साथ ही कोतवाली परिसर में अनावश्य बैठकर समय नष्ट न करने के भी पोस्टर चस्पा कराए हैं। पोस्टर चस्पा होने के बाद कई तरह की चर्चाएं होने लगी हैं। कोतवाल किन लोगों को दलाल मान रहे हैं इसको लेकर तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। जहां इन पोस्टरों के लगने के बाद आमजानमानस में इसकी सराहना हो रही है तो वहीं तथाकथित पत्रकारों का एक तबका इससे खासा नाराज भी दिख रहा है।

साढ़े चार साल बाद दिखा पोस्टर
प्रदेश में सत्तारूढ होने के बाद भाजपा सरकार ने थानों पर दलाल मुक्त थाना स्लोग दीवारों पर लिखवाए थे, जो कुछ दिनों के बाद मिट गए थे। भाजपा सरकार के साढ़े चार साल बीतने के बाद दूसरी बार शहर कोतवाली में दलालों के प्रवेश वर्जित होने का पोस्टर चस्पा दिखाई पड़ा है। इस पोस्टर लगाने के पीछे का उद्देश्य कितना सार्थक होगा या तो आने वाला वक्त ही बताएगा। परंतु आम अवाम ने कोतवाल के इस फैसले का स्वागत किया है। वहीं कोतवाल अरुण कुमार सिंह के इस फैसले से कोतवाली परिसर में न्याय के लिए आने वाले फरियादियों का दोहन रुकने में भी काफी हद तक मदद मिलेगी।

कोतवाली में अनावश्यक लोग आकर बैठ जाते हैं। जिससे पुलिस अपना काम भी नहीं कर पाती है। कुछ दलाल किस्म के लोग भी इधर-उधर लगे रहते हैं। इससे ऐसे लोगों पर लगाम लगेगी। वैसे भी थानों पर अक्सर इस तरह के स्लोगन लिखे रहते है। -अरुण कुमार सिंह शहर कोतवाल