देहरादून: आदि गुरु शंकराचार्य की पवित्र गद्दी पहुंची श्री नृसिंह मंदिर, फूलवर्षा से स्वागत

देहरादून, अमृत विचार। आदि गुरु शंकराचार्य की पवित्र गद्दी के श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ पहुंचते ही सोमवार को औपचारिक रूप से वर्ष 2021 की श्री बदरीनाथ धाम यात्रा का समापन हो गया है। अब छह महीने श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ एवं श्री योग बदरी पांडुकेश्वर में शीतकालीन पूजाएं संपन्न होंगी। आदि गुरू शंकराचार्य जी की …
देहरादून, अमृत विचार। आदि गुरु शंकराचार्य की पवित्र गद्दी के श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ पहुंचते ही सोमवार को औपचारिक रूप से वर्ष 2021 की श्री बदरीनाथ धाम यात्रा का समापन हो गया है।
अब छह महीने श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ एवं श्री योग बदरी पांडुकेश्वर में शीतकालीन पूजाएं संपन्न होंगी। आदि गुरू शंकराचार्य जी की गद्दी प्रात: कालीन पूजा-अर्चना, प्रसाद अर्पण के बाद श्री योगध्यान बदरी पांडुकेश्वर से रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी एवं धर्माचार्यों , श्रद्धालुओं सहित श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ प्रस्थान किया।
आदिगुरु शंकराचार्य जी की गद्दी के स्थान-स्थान पर स्वागत हुआ। श्रद्धालुओं ने फूलवर्षा की ग्रैफ केंप में कर्नल मनीष कपिल की अगुवाई में आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी तथा रावल जी का स्वागत किया। इस अवसर पर धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल ने अधिकारियों-जवानों को संबोधित किया तथा सड़क निर्माण हेतु उनकी प्रशंसा की। इसके पश्चात आदि गुरु की पवित्र गद्दी श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ पहुंची जहां श्रद्धालुओं ने गद्दी की आगवानी की तथा फूलवर्षा कर स्वागत किया। श्री नृसिंह मंदिर परिसर में श्री गणेश पूजा तथा देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना आव्हान हुआ। इसके पश्चात प्रसाद वितरण हुआ।
बता दें कि 20 नवंबर को श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद हो गए थे। 21 नवंबर को रावल जी सहित श्री उद्धव जी, श्री कुबेर जी की डोली और आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी पांडुकेश्वर पहुंची। पांच नवंबर को श्री गंगोत्री धाम के कपाट बंद हुए तथा छह नवंबर को श्री केदारनाथ धाम एवं श्री यमुनोत्री धाम के कपाट बंद हुए।
जिलाधिकारी उत्तरकाशी मयूर दीक्षित तथा जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग मनुज गोयल ने बताया कि जिलों में शीतकालीन यात्रा को प्रोत्साहित किया जा रहा है। देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि श्री केदारनाथ धाम की शीतकालीन पूजा पंच केदार गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ तथा तीर्थ पुरोहितों से मिली जानकारी के मुताबिक श्री यमुनोत्री धाम की शीतकालीन पूजा खरसाली(खुशीमठ),श्री गंगोत्री धाम की शीतकालीन पूजा मुखबा ( मुखीमठ )में पहले ही शुरू हो गई है।